Manoj Tiwari Comment on Virat Kohli Test Cricket Retirement: भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली के अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के फैसले ने सभी को हैरान कर दिया. कुछ लोगों का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उनके खराब प्रदर्शन और लगातार लंबे समय से रन न आने के कारण यह कदम अपेक्षित था. वहीं, कई दिग्गज और फैन्स अब भी मानते हैं कि कोहली में कम से कम तीन से चार साल तक लाल गेंद क्रिकेट खेलने का दम था.
पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी ने इस फैसले पर अपनी हैरानी जताई और कहा कि कोहली फिटनेस के मामले में बेजोड़ थे, और अगर उन्हें मौके दिए जाते तो वे आने वाले सालों में भी टीम इंडिया के लिए अहम योगदान दे सकते थे. हालांकि, तिवारी ने यह भी इशारा किया कि टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम का माहौल उतना सकारात्मक नहीं है जितना बाहर से दिखता है.
फिटनेस में कोई कमी नहीं
विराट कोहली हमेशा से ही फिटनेस के लिए मिसाल रहे हैं. 35 साल की उम्र में भी उनका स्टैमिना और ट्रेनिंग रूटीन युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करता है. मनोज तिवारी का मानना है कि शारीरिक फिटनेस में कोहली के सामने कोई चुनौती नहीं थी. असली परेशानी उनकी बल्लेबाजी फॉर्म को लेकर थी. पिछले कुछ सालों से उनके बल्ले से बड़ी पारियां नहीं निकल रही थीं, खासकर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर, जिसे वे हमेशा अपनी पसंदीदा जगह मानते थे. लगातार फ्लॉप शो के बाद यह चर्चा तेज हो गई थी कि या तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा या वे खुद ही संन्यास लेंगे.

मनोज तिवारी का बयान
क्रिकट्रैकर से बातचीत में मनोज तिवारी ने कहा, “कोहली कम से कम तीन से चार साल और आसानी से टेस्ट क्रिकेट खेल सकते थे. यह फैसला वाकई हैरान करने वाला है. वह इंग्लैंड सीरीज़ की तैयारी में जुटे थे और फिटनेस के मामले में तो उनका कोई सानी ही नहीं है. सभी फैन्स की तरह मैं भी इस खबर से शॉक्ड हूं.”
यह बयान इस ओर इशारा करता है कि कोहली का यह संन्यास अचानक लिया गया फैसला नहीं था, बल्कि इसके पीछे कुछ गहरे कारण छिपे हो सकते हैं.
ड्रेसिंग रूम के माहौल पर उठे सवाल
मनोज तिवारी ने इस संन्यास के पीछे टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम का माहौल भी जिम्मेदार ठहराया. उनके मुताबिक, कोहली को शायद महसूस हुआ कि उन्हें टीम में उतनी अहमियत नहीं दी जा रही जितनी पहले दी जाती थी. तिवारी ने कहा, “मुझे नहीं पता पर्दे के पीछे क्या हुआ. लेकिन मुझे लगता है कि वह खुद को टीम में वांटेड महसूस नहीं कर रहे थे. विराट जैसे इंसान कभी भी खुलकर इस बात को सार्वजनिक मंच पर नहीं कहेंगे, लेकिन जो हम खिलाड़ी थोड़ा बहुत जानते हैं, उससे यही लगता है कि ड्रेसिंग रूम का माहौल उन्हें रास नहीं आ रहा था.”
फैन्स की निराशा
विराट कोहली हमेशा से ही मैदान पर और मैदान के बाहर प्रोफेशनल रहे हैं. यही वजह है कि उन्होंने कभी भी टीम के अंदरूनी मसलों को बाहर नहीं लाया. संन्यास के बाद भी उन्होंने किसी पर आरोप लगाने या टीम के माहौल की आलोचना करने से परहेज किया. हालांकि, फैन्स के लिए यह फैसला निराशाजनक रहा क्योंकि सभी को उम्मीद थी कि कोहली 2028 तक लाल गेंद क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.
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