न्यूजीलैंड के पूर्व हरफनमौला स्कॉट स्टायरिस का मानना है कि चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके) और मुंबई इंडियंस के बीच इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) प्रतिद्वंद्विता में खेल के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर एमएस धौनी और आखिरी ओवरों के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज लसित मलिंगा के बीच मुकाबले में पूर्व भारतीय कप्तान भारी पड़ते हैं.
चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम आईपीएल के 10 सत्र में भाग लिया है जिसमें से टीम आठ बार फाइनल में पहुंची है जबकि मुंबई की टीम 12 सत्र में से पांच बार फाइनल में पहुंचने में सफल रही है. फाइनल में मुंबई का प्रदर्शन हालांकि अच्छा रहा है जिसने इस खिताब को चार बार जीता है. स्टायरिश ने स्टार स्पोर्ट्स से कहा, ‘‘यह निरंतरता से जुड़ा है, सीएसके का प्रदर्शन नॉकआउट मैचों में शानदार रहा है. आईपीएल से उम्मीद होती है कि वह भारतीय टीम के लिए खिलाड़ी तैयार करें और इस मामले में सीएसके ने सबसे ज्यादा नवोदित खिलाड़ियों को तैयार किया है.
टीम की कोशिश नये खिलाड़ियों को तैयार करने की रहती है” उन्होंने कहा, ‘‘आखिरी ओवरों में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज के खिलाफ यह मैच के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर के बारे में है. धौनी और मलिंगा के मुकाबले में चेन्नई की टीम के कप्तान भारी पड़े हैं.” भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी संजय मांजरेकर का मानना है कि आईपीएल में चेन्नई की टीम सबसे निरंतर रही है लेकिन बाद के वर्षों में मुंबई इंडियन्स उन पर भरी पड़ी है.
मौजूदा चैम्पियन मुंबई इंडियन्स ने चार बार आईपीएल के खिताब को हासिल किया है जबकि चेन्नई तीन बार चैम्पियन रही है. मांजरेकर ने कहा, ‘‘जब हम जीतने की प्रतिशत को देखते हैं, जो कि टीमों की सफलता को मापने का अच्छा तरीका है तो यह रिकार्ड चेन्नई के पक्ष में है. बाद के वर्षों में हालांकि मुंबई इंडियन्स ने शानदार वापसी की और ज्यादा मुकाबलों में जीत दर्ज की.
उन्होंने कहा, ‘‘ मुंबई इंडियंस चार बार चैम्पियन बनी है जबकि सीएसके ने तीन बार खिताब जीता है. मुंबई की टीम हालांकि दो सत्र अधिक खेली है (चेन्नई को दो सत्रों के लिए प्रतिबंधित किया गया था). जब आप रिकॉर्ड पर गौर करते हैं, तो मुंबई इंडियन्स एक ऐसी टीम के रूप में उभर रही है, जो पिछले कुछ वर्षों में चेन्नई को चुनौती दे रही है, वे वास्तव में चेन्नई की तुलना में बेहतर टीम रही है.” मांजरेकर ने कहा, ‘‘ जब मुंबई की टीम फाइनल में पहुंचती है जो उनके जीतने का अधिक मौका रहता है. अगर आप पूरे आईपीएल को देखेगें तो चेन्नई को सबसे सफल टीम कहा जा सकता है लेकिन अब मुंबई का रिकॉर्ड बेहतर हो रहा है.
आपको बता दें कि न्यूजीलैंड के पूर्व खिलाड़ी स्कॉट स्टायरिस के बात की पुष्टि आँकड़े भी करते हैं. मलिंगा ने ने वर्ष 2007 लेकर 2017 तक धौनी को 203 गेंदें फेंकी है जिसमें धौनी ने 114.78 की औसत से 233 रन बनाएं हैं, जबकि अगर हम टी- 20 की बात करें तो धौनी ने वर्ष 2009 से लेकर 2019 तक मलिंगा के 70 गेंदों का सामना किया है जिसमें उन्होंने 152.86 की धमाकेदार औसत से 107 रन बनाएं हैं.