रांची :जेएससीए स्टेडियम में आज से भारत-ऑस्ट्रेलिया तीसरा टेस्ट मैच शुरू हुआ. जेएससीए स्टेडियम टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी का होम ग्राउंड है, लेकिन इस टेस्ट मैच के दौरान माही मैदान पर नहीं दिखेंगे. इससे सबसे ज्यादा निराशा उनके फैंस को होगी. दरअसल धौनी पहले (दिसंबर 2014 में) ही टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं, जिसके बाद उनके होम ग्राउंड को पहली बार किसी टेस्ट मैच की मेजबानी मिली है. ऐसे में अपने माही इसमें अपना जलवा नहीं बिखेर सकेंगे.
विजेता रहे हैं धौनी
महेंद्र सिंह धौनी ने अपने करियर में बहुत कुछ किया है. एक बल्लेबाज के रूप में उन्होंने काफी रन बनाये हैं. विकेटकीपिंग ग्लव्स पहन कर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा स्टंप करने का रिकॉर्ड भी उन्हीं के नाम दर्ज है. कप्तान के रूप में उन्होंने तीन आइसीसी खिताब देश के लिए हासिल किये हैं और टेस्ट क्रिकेट में भारत का नेतृत्व कर आइसीसी टेस्ट चैंपियनशिप जिताया है. उनकी सभी उपलब्धियों और सफलताओं में सबसे हट कर तीन खास बातें हैं 1) उनकी फिटनेस का स्तर, 2) कप्तान के रूप में निर्णय लेने का कौशल और 3) सफलता के आसमान पर पहुंचने के बाद जरा भी गुरूर न होना. धौनी के करियर की शुरुआत और दिसंबर 2014 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने तक भारत ने 104 टेस्ट, 293 वनडे और 53 टी-20 मैच खेले. चौंकानेवाली बात यह है कि धौनी इन 450 मैचों में से 87 प्रतिशत मैचों में खेले. यहां ध्यान देना होगा कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के अलावा भी कई मैच खेले हैं. एक विकेटकीपर के लिए (जो शायद क्रिकेट में सबसे अधिक श्रम काम की मांग करता है) इतने सारे मैच खेलना बच्चों का खेल नहीं है. धौनी के फिटनेस लेवल के बारे में इसके बाद कुछ कहने को रह नहीं जाता.
करियर के अधिकांश समय की कप्तानी
धौनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शुरुआत से टेस्ट क्रिकेट से रिटायर होने तक अलग-अलग फॉर्मेट और कॉम्पिटीशन में 565 मैच खेले. इनमें टूर के वार्मअप मैच, इंडियन प्रीमियर लीग और चैंपियंस लीग टी-20 मैच भी शामिल हैं. उस दौरान के शीर्ष पांच सबसे व्यस्त क्रिकेटरों में धौनी का नाम भी है. ध्यान देने वाली बात ये है कि उन पांच क्रिकेटरों में धौनी अकेले खिलाड़ी हैं, जो नियमित रूप से विकेटकीपिंग भी करते रहे.धौनी के कारनामों को जो चीज खास बनाती है, वो यह है कि करियर के अधिकांश समय में उन्होंने कप्तानी की, जबकि विकेटकीपिंग अपने आप में डिमांडिंग जॉब है. धौनी ने कप्तान की टोपी भी पहनी और गेम फिनिशर भी रहे. वह शारीरिक रूप से फिट और मानसिक रूप से सतर्क भी बने रहे.