सुप्रीम कोर्ट ने आज पूर्व सीएजी विनोद राय की अध्यक्षता में बीसीसीआई के चार प्रशासकों की नियुक्ति कर दी. यह प्रशासक अब बीसीसीआई को व्यवस्थित करेंगे और लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करवाने का पूरा प्रयास करेंगे. विनोद राय के अतिरिक्त प्रशासकों की सूची में इतिहासकार रामचंद्र गुहा, आईडीएफसी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक विक्रम लिमये और पूर्व टेस्ट क्रिकेटर डायना एडुल्जी का नाम शामिल है. सुप्रीम कोर्ट ने विगत दिनों बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को उनके पद से हटा दिया था. अब जबकि विनोद राय जैसे ईमानदार माने जाने वाले अधिकारी को बीसीसीआई की कमान सौंप दी गयी है, उम्मीद की जानी चाहिए कि लोढ़ा समिति की सिफारिशें पूर्णत: लागू हो जायेंगी और क्रिकेट का भला होगा.
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क्या विनोद राय के कमान संभालते ही बीसीसीआई में सबकुछ ठीक हो जायेगा?
सुप्रीम कोर्ट ने आज पूर्व सीएजी विनोद राय की अध्यक्षता में बीसीसीआई के चार प्रशासकों की नियुक्ति कर दी. यह प्रशासक अब बीसीसीआई को व्यवस्थित करेंगे और लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करवाने का पूरा प्रयास करेंगे. विनोद राय के अतिरिक्त प्रशासकों की सूची में इतिहासकार रामचंद्र गुहा, आईडीएफसी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक विक्रम […]
क्या विनोद राय कोई करिश्मा करेंगे
विनोद राय भारत में भ्रष्टाचाररोधी अभियान के प्रतीक रहे हैं. अब देखना यह होगा कि क्या वे बीसीसीआई में व्याप्त अनियमितताओं को दूर कर पायेंगे या नहीं? हालांकि नयी जिम्मेदारी मिलने पर उन्होंने कहा – क्रिकेट को सुशासन की जरूरत है लेकिन वह अपना पद संभालने के बाद ही बीसीसीआई पर किसी तरह की टिप्पणी करने की स्थिति में होंगे. उन्होंने कहा किसी भी संस्थान को सुशासन सुनिश्चित करना चाहिए. क्रिकेट के खेल को सुशासन की जरूरत है. ”
प्रशासकों की नियुक्ति पर लोढ़ा समिति की छाप
लोढ़ा समिति ने यह सिफारिश की थी कि बीसीसीआई पदाधिकारियों के लिए यह जरूरी होना चाहिए कि संबंधित व्यक्ति मंत्री या सरकारी अधिकारी न हो और यह भी कि उसने बीसीसीआई में किसी पद पर नौ साल या तीन कार्यकाल न गुजारे हों. इस नजरिये से प्रशासकों की नियुक्ति बिलकुल सही है. नवचयनित प्रशासकों का बीसीसीआई से कोई लेना-देना नहीं रहा है और ना ही वे बीसीसीआई के किसी पद पर रहे हैं. डायना एडुल्जी के अलावा अन्य तीन का तो क्रिकेट से कोई लेना-देना भी नहीं है.
आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग के बाद बीसीसीआई पर उठे थे सवाल
आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले के उजागर होने के बाद बीसीसीआई की भूमिका और कार्यकलापों पर सवाल उठे और तात्कालीन बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को हितों के टकराव के मुद्दे को लेकर पद छोड़ना पड़ा था. उनके दामाद गुरुनाथ मयप्पन को तो इस मामले में दोषी करार दिया गया और आजीवन बैन भी लगाया गया है. अब जबकि बीसीसीआई का कायाकल्प हो गया है, उम्मीद की जानी चाहिए कि अब बीसीसीआई में सबकुछ ठीक हो जायेगा.
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