नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय से नियुक्त प्रशासकों के चार सदस्यीय पैनल के प्रमुख भारत के पूर्व नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (कैग) विनोद राय ने खुद को ‘नाइटवाचमैन’ करार दिया और उनका काम यह सुनिश्चित करना होगा कि बीसीसीआई के निर्वाचित पदाधिकारियों के चुनाव में कोई परेशानी नहीं आये.
उच्चतम न्यायालय ने बीसीसीआई के कामकाज के संचालन और न्यायमूर्ति आर एम लोढा पैनल की अदालत से मंजूर सिफारिशों को लागू करने के लिये आज प्रशासकों की चार सदस्यीय समिति गठित की. राय से जब उनकी नई भूमिका के बारे में पूछा गया, उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय से मिले इस तरह के किसी भी सम्मान को किसी को भी स्वीकार करके अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने चाहिए.” उन्होंने कहा, ‘‘मैं क्रिकेट के खेल का सच्चा प्रशंसक हूं.
मेरी भूमिका इस संदर्भ में नाइटवाचमैन की होगी कि हमें सुशासन, अच्छी व्यवस्था और बेहतर ढांचा तैयार करने की जरुरत है जिससे पदाधिकारियों का सुचारु तरीके से निर्वाचन सुनिश्चित हो सके जो भविष्य में बीसीसीआई में अच्छा प्रशासन लेकर आएंगे.” राय ने कहा, ‘‘खेल को इसकी (अच्छे प्रशासन) जरुरत है. खिलाडियों को इसकी जरुरत है और विशेषकर लोगों को इसकी जरुरत है जो इस खेल के दीवाने हैं. ”
भारत में भ्रष्टाचाररोधी अभियान के प्रतीक रहे राय ने कहा कि क्रिकेट को सुशासन की जरुरत है लेकिन वह अपना पद संभालने के बाद ही बीसीसीआई पर किसी तरह की टिप्पणी करने की स्थिति में होंगे. उन्होंने कहा, ‘‘अभी कोई टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी क्योंकि मुझे उस बारे में ज्यादा पता नहीं है और बीसीसीआई के कामकाज से परिचित नहीं हूं। लेकिन किसी भी संस्थान को सुशासन सुनिश्चित करना चाहिए. क्रिकेट के खेल को सुशासन की जरुरत है. ”
राय से पूछा गया कि बीसीसीआई को ढर्रे पर लाने में उन्हें और उनकी टीम को कितना वक्त लगेगा, उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इसका पता नहीं है. कुछ पता चलने पर ही मैं इस बारे में बता सकता हूं. ”