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कोहली, अनुष्का व सोशल साइट्स

-अनुज कुमार सिन्हा- वरिष्ठ संपादक प्रभात खबर अपने बल पर टीम इंडिया काे टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पहुंचानेवाले स्टार बल्लेबाज विराट काेहली का गुस्सा आखिर फूटा. वह भी तब, जब सारी दुनिया उनकी जय-जयकार कर रही है. गावस्कर हाें या लारा, स्मिथ हाें या ब्रेट ली, सभी काेहली की यादगार पारी काे एेतिहासिक […]

-अनुज कुमार सिन्हा-
वरिष्ठ संपादक
प्रभात खबर
अपने बल पर टीम इंडिया काे टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पहुंचानेवाले स्टार बल्लेबाज विराट काेहली का गुस्सा आखिर फूटा. वह भी तब, जब सारी दुनिया उनकी जय-जयकार कर रही है. गावस्कर हाें या लारा, स्मिथ हाें या ब्रेट ली, सभी काेहली की यादगार पारी काे एेतिहासिक बता रहे हैं. अॉस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत मैच लगभग हार चुका था, लेकिन काेहली ने हिम्मत नहीं हारी थी. दाे आेवराें में मैच का पासा पलटा आैर भारत सेमीफाइनल में. उसके पहले पाकिस्तान के खिलाफ भी शानदार पारी खेली थी.
गजब का आत्मविश्वास. लेकिन यही विराट अब बरसे हैं उन लाेगाें पर, जिन्हाेंने उनके खराब दिनाें (जब गत वर्ष टेस्ट आैर वनडे में उनका प्रदर्शन खराब रहा था) में साेशल साइट्स पर उनका मजाक उड़ाया था आैर रन नहीं बनाने के लिए उनकी गर्ल फ्रेंड अनुष्का शर्मा काे दाेषी करार दिया था. भद्दी-भद्दी टिप्पणी की थी.
गंभीर आराेप लगाये थे. काेहली के सवालाें में दम है. यह बात तब आैर समझ में आयेगी, जब एक साल पहले के कुछ ट्वीट काे देखें. यह ट्वीट उन दिनाें के हैं, जब काेहली का बल्ला गत वर्ष नहीं चल रहा था. आइसीसी वर्ल्ड कप का मैच देखने के लिए अनुष्का शर्मा अॉस्ट्रेलिया चली गयी थी. स्टेडियम में माैजूद थी लेकिन काेहली असफल हाे गये थे आैर नाराज फैंस ने साेशल साइट्स पर अनुष्का काे जम कर काेसा था.
किसी ने ट्वीट किया था- अनुष्का, तुम मैच का हाइलाइट्स ही देखाे, लाइव मत देखाे. अगला ट्वीट- भाभीजी आयीं आैर भैया चले गये. ये कमेंट अनुष्का शर्मा के ही खिलाफ हैं. आशय है कि काेहली अगर रन नहीं बना पा रहे थे, ताे अनुष्का शर्मा के कारण. ऐसे ट्वीट्स का काेई अर्थ नहीं है.
जीत या हार के लिए मैदान के बाहर बैठे किसी व्यक्ति काे दाेषी नहीं ठहराया जा सकता. जब अनुष्का के खिलाफ साेशल साइट्स पर टिप्पणी हाे रही थी, उन दिनाें भी काेहली काे यह बात बुरी लगी हाेगी, लेकिन काेहली सही समय की तलाश में थे. वह समय आया जब काेहली का बल्ला चला आैर ट्वीट में उनकी तारीफ हाे रही थी. काेहली ने सवाल उठाया कि जिस प्रकार की टिप्पणी साेशल साइट्स पर अनुष्का के खिलाफ हाे रही थी, अगर उसी प्रकार की टिप्पणी उन प्रशंसकाें की बहनाें, गर्ल्स फ्रेंड्स या बहनाें के खिलाफ हाेती, ताे उन्हें कैसा लगता.
टिप्पणी करते वक्त ताे मजा आता है, लेकिन जब अपने पर कोई वैसी ही भद्दी टिप्पणी करता है, ताे बहुत बुरा लगता है. तीखा जवाब देने का मन करता है. दरअसल, साेशल साइट्स पर कमेंट लिखते समय लाेग मर्यादा भूल जाते हैं और यह नहीं साेचते कि इसका असर क्या हाेगा. आजादी का यह अर्थ नहीं कि किसी के खिलाफ आप कुछ भी लिखें. किसी के निजी मामले में टांग अड़ाना, भद्दे कमेंट करना आदत-सी हाे गयी है लोगों की. यही कारण है कि साेशल साइट्स पर कमेंट्स अब अपनी महत्ता खाे रहे हैं.
काेहली और अनुष्का के बीच क्या संबंध हैं, यह दूसराें के लिए मायने नहीं रखता, किसी काे इससे मतलब हाेना भी नहीं चाहिए. काेहली ने खराब खेला ताे आलाेचना काेहली की हाेनी चाहिए, उसके परिवार या दाेस्त की नहीं. जीतने पर प्यार आैर खराब खेलने या हारने पर गालियां देने की परंपरा सी बन गयी है. साल 1985 की एक घटना है. मशहूर बल्लेबाज सुनील गावस्कर काेलकाता में इंग्लैंड के खिलाफ खेल रहे थे. कप्तान थे.
पारी घाेषित करने में थाेड़ा विलंब कर रहे थे. दर्शक नाराज हाे गये. मैदान में गावस्कर की पत्नी मार्शनील गावस्कर भी थीं. गावस्कर आैर उनकी पत्नी पर टमाटर फेंका गया. गावस्कर इतने नाराज हुए कि उन्हाेंने घाेषणा की कि अब वे काेलकाता में मैच नहीं खेलेंगे. नाराजगी गावस्कर से थी, लेकिन उनकी पत्नी का क्या दाेष था. वह दाैर साेशल साइट्स का नहीं था, वरना पता नहीं क्या हुआ हाेता.
काेहली ने जिस बहादुरी से अॉस्ट्रेलिया के गेंदबाजाें का सामना किया, प्रहार किया, उसी बहादुरी से उसने साेशल साइट्स पर कमेंट करनेवालाें काे भी आड़े हाथाें लिया. काेहली का यह कहना कि अनुष्का ने हमेशा उसका मनाेबल बढ़ाया है, आलाेचकाें का मुंह बंद करने के लिए काफी है. यही बात अगर काेहली उन दिनाें कहते, जब उनका प्रदर्शन खराब चल रहा था, ताे शायद उसका वह असर नहीं हाेता, जाे आज हाे रहा है.
आज इसलिए, क्याेंकि काेहली मैच के हीराे, मैच विजेता के रूप में बाेल रहे हैं. समय आ गया है, जब साेशल साइट्स का दुरुपयाेग बंद हाे, उस पर कमेंट करनेवाले साेच-समझ कर लिखें. वे यह भूल जाते हैं कि पूरी दुनिया उन्हें पढ़ सकती है आैर आेछी टिप्पणी करने से दूसरी तरफ उनकी भी छवि खराब हाेती है.

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