हमारे गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने मुझे बताया. यह सुनकर बहुत अच्छा लगा.” उन्होंने कहा ,‘‘ टीम बैठक में मुझे सामान्य लगा. इसके बाद हम बस में बैठकर स्टेडियम रवाना हुए लेकिन जब हम मैदान के करीब पहुंचे तो मुझे घबराहट होने लगी. मैं अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने जा रहा था और ड्रेसिंग रुम तक जाते हुए मेरे मन में कई तरह के जज्बात उमड़ रहे थे.” नेगी ने कहा ,‘‘ जब रवि सर ( शास्त्री ) ने मुझे कैप दी तो मैंने पहनी और बहुत अच्छा लगा.
सभी खिलाडी मुझे बधाई देने आये और यह सब बहुत खास था.” उन्होंने कहा ,‘‘ सीनियर खिलाड़ियों ने मेरी घबराहट दूर करने में मदद की. उन्होंने मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया. पूरी टीम ने मदद की और मुझे लगा ही नहीं कि मैं पहला मैच खेल रहा हूं.” नेगी ने कहा ,‘‘मैदान पर उतरने से पहले कप्तान महेंद्र सिंह धौनी मेरे पास आये और मुझे ज्यादा नहीं सोचने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि आराम से इस मैच को आम मैचों की तरह खेलूं.”
नेगी को 13वें ओवर में गेंद सौंपी गयी और उसने पांचवीं ही गेंद पर पहला अंतरराष्ट्रीय विकेट लिया. उन्होंने कहा ,‘‘ मैच शुरू होने से पहले हरभजन ने मेरे पास आकर पिच के बारे में बताया. उसने कहा कि पिच सूखी है और सही फ्लाइट के साथ गेंद डालने पर टर्न मिलेगा. मैने वही किया. नर्वस होने के कारण मैने रन दिये लेकिन विकेट लेने के बाद आत्मविश्वास बढा. धौनी ने मेरे पास आकर कहा कि मैं दबाव में गेंदबाजी कर रहा हूं. उन्होंने मुझसे खुलकर गेंद डालने को कहा. इससे मेरा आत्मवश्विास बढ़ा.”