ढाका : एक संदिग्ध भारतीय सटोरिये द्वारा आईपीएल समेत तीन बार पेशकश किये जाने की जानकारी नहीं देने पर बांग्लादेश के कप्तान और स्टार हरफनमौला शाकिब अल हसन पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने दो साल का प्रतिबंध लगा दिया है जिससे वह तीन नवंबर से शुरू हो रहे भारत दौरे पर नहीं आ सकेंगे.
शाकिब पर एक साल का पूर्ण प्रतिबंध और 12 महीने की अवधि का निलंबित प्रतिबंध लगाया गया है. यह तब लागू होगा अगर शाकिब आईसीसी की भ्रष्टाचार निरोधक संहिता का पालन नहीं करते हैं. वह अगले साल इंडियन प्रीमियर लीग और ऑस्ट्रेलिया में 18 अक्टूबर से 15 नवंबर 2020 तक होने वाले टी20 विश्व कप में नहीं खेल सकेंगे.
आईसीसी के निर्देशों पर उन्हें टीम के अभ्यास से भी दूर रखा गया. भारत के खिलाफ शृंखला में तीन टी20 और दो टेस्ट खेले जाने हैं. शाकिब ने आईसीसी की विज्ञप्ति में कहा , जिस खेल से मुझे प्यार है, उससे निलंबत किये जाने से मैं काफी दुखी हूं, लेकिन मैं अपनी सजा स्वीकार करता हूं.
आईसीसी की भ्रष्टाचार निरोधक ईकाई भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में खिलाड़ियों पर काफी निर्भर है. मैंने सटोरिये की पेशकश की जानकारी नहीं देकर अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई. आईसीसी की भ्रष्टाचार निरोधक ईकाई ने जनवरी और अगस्त में शाकिब से बात की थी.
उन्होंने दीपक अग्रवाल द्वारा उनसे संपर्क किये जाने की जानकारी आईसीसी को नहीं दी थी. आईसीसी की एसीयू इस व्यक्ति को जानती है और उस पर क्रिकेट में भ्रष्टाचार में लिप्त होने का संदेह है. आईसीसी ने कहा कि अग्रवाल ने तीन अलग-अलग मौकों पर शाकिब से टीम संयोजन और रणनीति के बारे में जानकारी देने को कहा था.
उनमें से एक बार 26 अप्रैल 2018 को संपर्क किया गया जब शाकिब की आईपीएल टीम सनराइजर्स हैदराबाद को किंग्स इलेवन पंजाब से खेलना था. हैदराबाद ने 13 रन से जीत दर्ज की थी. आईसीसी ने कहा , 26 अप्रैल 2018 के कई मैसेज में डिलीट किये गए मैसेज भी है.
उन्होंने स्वीकार किया कि डिलीट किये गए ये मैसेज भीतरी जानकारी देने के अग्रवाल के अनुरोध के थे. अग्रवाल ने बांग्लादेश प्रीमियर लीग के दौरान भी उनसे संपर्क किया था जब शाकिब 2017 में ढाका डाइनामाइट्स के लिये खेल रहे थे. इसके बाद जनवरी 2018 में श्रीलंका और जिम्बाब्वे के साथ त्रिकोणीय शृंखला के दौरान उनसे संपर्क किया गया.
आईसीसी ने कहा कि अग्रवाल शाकिब से मिलना चाहते थे लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. बातचीत के बाद उन्हें अहसास हुआ कि अग्रवाल सटोरिया है. शाकिब पांच साल के अधिकतम प्रतिबंध से बच गए हैं, लेकिन उन्हें इस फैसले के खिलाफ अपील का अधिकार नहीं होगा क्योंकि उन्होंने सजा स्वीकार कर ली है.
दो साल पहले एक सटोरिये ने शाकिब को अंतरराष्ट्रीय मैच से पहले पेशकश की थी जिसकी जानकारी उसने आईसीसी की भ्रष्टाचार निरोधक और सुरक्षा ईकाई को नहीं दी.
शाकिब की गैर मौजूदगी में मुशफिकर रहीम टेस्ट में और महमूदुल्लाह रियाद मुसद्दक टी20 में टीम की कप्तानी कर सकते हैं. शाकिब ने हाल ही में खिलाड़ियों की हड़ताल की अगुवाई की थी, लेकिन बीसीबी द्वारा उनकी मांगों को मान लिये जाने के बाद हड़ताल वापिस ले ली गई.
बांग्लादेश के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों में शुमार शाकिब ने तीनों प्रारूप में कुल 11000 से अधिक रन बनाये हैं और 500 से ज्यादा विकेट लिये हैं. आईसीसी ने कहा, शाकिब अल हसन अनुभवी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर हैं जो भ्रष्टाचार निरोधक कई सत्रों में भाग ले चुके हैं. उन्हें आचार संहिता के तहत अपनी जिम्मेदारियां बखूबी पता है.