कोलंबो : श्रीलंका के पूर्व कप्तान महेला जयवर्धने ने कहा कि वह देश में क्रिकेट की स्थिति से निराश हैं और इसलिए उन्होंने टीम के वर्ल्ड कप अभियान में भूमिका निभाने की पेशकश ठुकरा दी है. मुंबई इंडियन्स ने हाल में जयवर्धने के मार्गदर्शन में चौथी बार इंडियन प्रीमियर लीग का खिताब जीता. वह अतीत में देश के घरेलू क्रिकेट ढांचे में बदलाव की योजना सौंप चुके हैं लेकिन श्रीलंका क्रिकेट ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया.
जयवर्धन ने श्रीलंका के समाचार पत्र द संडे टाइम्स से कहा, ‘मुझे आमंत्रित किया गया था लेकिन मेरी कई अन्य प्रतिबद्धताएं हैं. मुझे समझ नहीं आ रहा कि मुझे क्या भूमिका निभानी है.’
उन्होंने कहा, ‘अगर पूरे ढांचे में मेरी कोई भूमिका नहीं है तो फिर रणनीतिक रूप से या किसी अन्य तरह से टीम के साथ जुड़ने का कोई मतलब नहीं है. टीम चुनी जा चुकी है और सब कुछ हो चुका है. अब मेरे लिए टीम के साथ जुड़कर कुछ करने की गुंजाइश नहीं है.’
जयवर्धने के अलावा पूर्व क्रिकेटरों कुमार संगकारा और अरविंद डिसिल्वा की समिति ने प्रशासन के अलावा घरेलू ढांचे पर पिछले साल एसएलसी को सिफारिश दी थी. बोर्ड ने हालांकि इन्हें खारिज कर दिया था.
दायें हाथ के पूर्व बल्लेबाज जयवर्धने ने कहा कि यह जरूरी है कि सीनियर खिलाड़ी जूनियर खिलाड़ियों का मार्गदर्शन करें. जयवर्धने विश्व कप में हिस्सा लेने गई श्रीलंका की टीम को सुझाव दिया कि वे प्रत्येक मैच को करो या मरो के मुकाबले की तरह देखें.
वर्ल्ड कप के बारे में पूछे जाने पर जयवर्धने ने मेजबान इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया, भारत और पाकिस्तान को मजबूत दावेदार बताया. उन्होंने कहा, ‘‘मजबूत पक्षों और फार्म को देखते हुए इंग्लैंड, भारत और आस्ट्रेलिया के पास गेंदबाज हैं और इंग्लैंड में पिछले दो विश्व कप में प्रदर्शन को देखते हुए संभवत: पाकिस्तान भी. इनकी टीम काफी मजबूत है विशेषकर गेंदबाजी इकाई.’