नयी दिल्ली : भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली आइपीएल सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग मामले की जांच के लिये उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त मुद्गल समिति से बतौर क्रिकेट विशेषज्ञ जुड़ गए. समिति की अध्यक्षता रिटायर्ड जस्टिस मुकुल मुद्गल कर रहे हैं जबकि इसमें एडवोकेट एल नागेश्वर राव, निलय दत्ता और वरिष्ठ आइपीएल अधिकारी बी बी मिश्रा शामिल हैं.
जस्टिस मुद्गल ने बताया, हमने सौरव से आइपीएल जांच समिति से जुड़ने का आग्रह किया था और वह राजी हो गए हैं. मैंने सौरव को फोन किया था और उन्होंने हमारे साथ जुड़ने की पुष्टि की. अभी बैठक की तिथि तय नहीं हुई है.
उन्होंने कहा, चूंकि हमारी समिति के सदस्य एल नागेश्वर राव मौजूद नहीं थे लिहाजा हम अगली बैठक की तारीख तय नहीं कर सके. तय होने पर सूचना दी जायेगी. उच्चतम न्यायालय ने जांच समिति को आइपीएल सट्टेबाजी और स्पाट फिक्सिंग मामले में क्रिकेट से जुडे मसलों पर जांच में मदद के लिये ऐसे क्रिकेटर को शामिल करने के निर्देश दिये थे जो अपनी ईमानदारी के लिये जाना जाता हो.
आइपीएल सट्टेबाजी प्रकरण में चेन्नई सुपर किंग्स टीम के पूर्व प्रिंसिपल गुरुनाथ मयप्पन और भारतीय टीम से बाहर क्रिकेटर एस श्रीसंत, प्रथम श्रेणी क्रिकेटर अंकित चव्हाण, अजित चंदीला और बालीवुड अभिनेता विंदू दारा सिंह की गिरफ्तारी भी हुई थी.
गांगुली के नाम की अटकलें काफी दिनों से लगाई जा रही थी चूंकि वह 2012 तक आइपीएल खेले भी हैं. उनका कैरियर बेदाग रहा है और वह आधुनिक क्रिकेट को बखूबी समझते हैं. भारतीय क्रिकेट को उन्होंने ही 2000 के मैच फिक्सिंग प्रकरण के बाद संभाला था.
क्रिकेट कमेंटरी और कॉलम लिखने का अपना काम गांगुली बाद में भी करते रहेंगे. जस्टिस मुद्गल ने कहा, वह मीडिया के साथ अपने अनुबंध पूरे कर सकते हैं. उनका काम पूरे मामले में क्रिकेट के मसलों पर हमारी मदद करना है लिहाजा उन्हें कमेंटरी करने या कॉलम लिखने से रोकने की कोई जरुरत नहीं है.