नयी दिल्ली : विजय रथ पर सवार विराट कोहली की अगुवाई वाली भारतीय टीम कल से यहां फिरोजशाह कोटला मैदान पर श्रीलंका के खिलाफ शुरू हो रहे तीसरे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट में लगातार नौवीं श्रृंखला जीतकर इतिहास रचने के इरादे से उतरेगी.
नागपुर में दूसरे टेस्ट में पारी और 239 रन की जीत के साथ मौजूदा श्रृंखला में 1-0 से आगे चल रही भारतीय टीम ने कोहली की अगुआई में पिछली आठ श्रृंखलाओं में जीत दर्ज की है और अगर टीम कल से शुरु हो रहे तीसरे टेस्ट को ड्रा भी करा लेती है तो लगातार नौ टेस्ट सीरीज जीतने के आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के रिकार्ड की बराबरी कर लेगी.
भारत ने पिछली श्रृंखला 2014-15 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ उसी की सरजमीं पर गंवाई थी. टीम इंडिया को तब चार मैचों की श्रृंखला में 2-0 से शिकस्त का सामना करना पड़ा. इसके बाद से भारत ने नौ श्रृंखलाएं खेली और लगातार आठ श्रृंखला जीतकर इतिहास रचने की दहलीज पर खड़ा है. टीम इंडिया ने इस दौरान स्वदेश में पांच, श्रीलंका में दो और वेस्टइंडीज में एक श्रृंखला जीती.
दुनिया की नंबर एक टीम भारत के स्वदेश में दबदबे का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2012-13 में इंग्लैंड के खिलाफ चार मैचों की श्रृंखला 2-1 से गंवाने के बाद से वह अपनी मेजबानी में लगातार सात श्रृंखला जीत चुका है. टीम इंडिया ने इस दौरान 23 मैचों में से 19 में जीत दर्ज की जबकि एकमात्र मैच उसने आस्ट्रेलिया के खिलाफ गंवाया. दक्षिण अफ्रीका के कड़े दौरे से पहले यह भारत के लिए अंतिम टेस्ट मैच होगा और ऐसे में टीम प्रबंधन की इच्छा के अनुरुप कोटला में भी कोलकाता के ईडन गार्डन्स और नागपुर के वीसीए स्टेडियम की तरह घसियाली पिच पर मैच हो सकता है. ईडन गार्डन्स पर तेज गेंदबाजों ने कहर बरपाया था जबकि नागपुर में स्पिनर अधिक प्रभावी रहे थे.
टीम प्रबंधन के सामने यह भी सवाल होगा कि इस मैच में कोलकाता की तरह पांच गेंदबाजों के साथ उतरा जाये या नागपुर की तरह चार गेंदबाजों के साथ उतरकर अतिरिक्त बल्लेबाज को खिलाया जाये अगर भारत पांच गेंदबाजों के साथ उतरने का फैसला करता है तो उप कप्तान अजिंक्य रहाणे को बाहर बैठाना पड़ सकता है. वह मौजूदा श्रृंखला की तीन पारियों में एक बार भी दोहरे अंक तक नहीं पहुंचे हैं.
दूसरी तरफ रोहित शर्मा ने एक साल से भी अधिक समय बाद टीम में वापसी करते हुए नागपुर में शतक जड़ा था जिसके कारण उन्हें बाहर करना आसान फैसला नहीं होगा. भारत पिछले 30 साल से कोटला पर अजेय है. यहां पिछले 11 मैचों में से 10 में टीम इंडिया ने जीत दर्ज की है और एक मैच बराबरी पर छूटा. इस मैदान पर भारत ने कुल 33 टेस्ट खेले हैं और उनमें से उसे 13 में जीत और छह में हार मिली जबकि 14 मैच ड्रा छूटे. भारत ने यहां पिछला मैच नवंबर 1987 में वेस्टइंडीज के खिलाफ पांच विकेट से गंवाया था.
श्रीलंका ने इस मैदान पर सिर्फ एक मैच खेला है और उसमें भारत के हाथों उसे दिसंबर 2005 में 188 रन से हार झेलनी पडी थी. कोलकाता में पहली पारी में तेज गेंदबाजी के अनुकूल हालात को छोड़कर भारतीय बल्लेबाजों ने अब तक प्रभावी प्रदर्शन किया है. कोहली ने दो मैचों की तीन पारियों में एक दोहरे शतक सहित दो शतकों की मदद से 317 रन बनाए हैं और एक बार फिर सभी की नजरें उन पर टिकी होंगी। कोहली अगर 25 रन और बना लेते हैं तो टेस्ट क्रिकेट में 5000 रन पूरे करने वाले 11वें भारतीय बल्लेबाज बन जायेंगे. उन्होंने अब तक 62 मैचों में 51.82 के औसत से 4975 रन बनाये हैं.
निजी कारणों से पिछले मैच में बाहर रहने वाले शिखर धवन और लोकेश राहुल में से एक को अंतिम एकादश से बाहर रहना पड़ सकता है क्योंकि मुरली विजय नागपुर में शतक जडकर सलामी बल्लेबाज के रुप में अपना दावा मजबूत कर चुके हैं. मध्यक्रम में कोहली का साथ बेहतरीन फार्म में चल रहे चेतेश्वर पुजारा, रोहित और विकेटकीपर रिद्धिमान साहा निभा सकते हैं. रहाणे को अगर मौका मिलता है तो वह कोटला पर अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराना चाहेंगे.
उन्होंने इस मैदान पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दिसंबर 2015 में हुए पिछले मैच की दोनों पारियों में शतक जडे थे। रहाणे इसके अलावा 3000 टेस्ट रन की उपलब्धि भी हासिल कर सकते हैं जिसके लिए उन्हें 185 रन की दरकार है. नागपुर में भारत की जीत में अहम भूमिका निभाने वाली आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा की जोडी एक बार फिर मैदान पर दिख सकती है. तेज गेंदबाजों में इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी और उमेश यादव दावेदार होंगे। भारत हालांकि अगर पांच गेंदबाजों के साथ उतरने का फैसला करता है तो आलराउंडर विजय शंकर या चाइनामैन स्पिनर कुलदीप यादव को भी मौका मिल सकता है.
कोहली के पास इस मैच में जीत के साथ भारत के दूसरे सबसे सफल कप्तान के रुप में सौरव गांगुली की बराबरी करने का मौका होगा। गांगुली की अगुआई में भारत ने 49 मैचों में 21 जीत दर्ज की जबकि कोहली की अगुआई में भारत अब तक 31 मैचों में 20 जीत दर्ज कर चुका है. कप्तान के रुप में इन दोनों से अधिक जीत सिर्फ धोनी (60 मैचों में 27 जीत) के नाम दर्ज हैं.
दूसरी तरफ श्रीलंका को बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों विभागों में जूझना पडा है. कप्तान दिनेश चांदीमल (दो मैचों में 166 रन) के अलावा टीम का कोई बल्लेबाज श्रृंखला में 100 रन के आंकडे को भी पार नहीं कर पाया है. सलामी बल्लेबाज दिमुथ करुणारत्ने, लाहिरु थिरिमाने, एंजेलो मैथ्यूज और रंगना हेराथ ने एक-एक अर्धशतक जडा है लेकिन इनके प्रदर्शन में निरंतरता की कमी है. विकेटकीपर निरोशन डिकवेला और सलामी बल्लेबाज सदीरा समरविक्रम भी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करने में नाकाम रहे हैं. टीम के पास बल्लेबाजी में अधिक विकल्प भी नहीं हैं और अगर टीम प्रबंधन किसी बल्लेबाज को बाहर करने का फैसला करता है तो आलराउंडर धनंजय डिसिल्वा को मौका मिल सकता है.
गेंदबाजी में तेज गेंदबाज सुरंगा लकमल के अलावा टीम के अन्य गेंदबाजों ने निराश किया है. लकमल ने ईडन गार्डन्स की तेज गेंदबाजी की अनुकूल पिच पर पहली पारी में 26 रन देकर चार विकेट चटकाए लेकिन बाकी दो पारियों में वह इस प्रदर्शन को दोहराने में नाकाम रहे। टीम को बायें हाथ के अनुभवी स्पिनर हेराथ की भी कमी खलेगी जो चोटिल होने के कारण श्रृंखला से बाहर हो गए हैं.
तेज गेंदबाज लाहिरु गमागे ने निराश किया है और ऐसे में विश्व फर्नांडो को दौरे पर पहला मैच खेलने का मौका मिल सकता है. दासुन शनाका, हेराथ की जगह टीम में शामिल जेफ्रे वांडरसे, दिलरुवान परेरा और लक्षण संदाकन अन्य गेंदबाजी विकल्प हैं. टीमें इस प्रकार हैं: भारत: विराट कोहली (कप्तान), अजिंक्य रहाणे, रविचंद्रन अश्विन, शिखर धवन, रविंद्र जडेजा, कुलदीप यादव, मोहम्मद शमी, चेतेश्वर पुजारा, रिद्धिमान साहा, लोकेश राहुल, इशांत शर्मा, विजय शंकर, रोहित शर्मा, मुरली विजय और उमेश यादव में से.
श्रीलंका: दिनेश चांदीमल (कप्तान), दिमुथ करुणारत्ने, सदीरा समरविक्रम, एंजेलो मैथ्यूज, लाहिरु थिरिमाने, निरोशन डिकवेला, लाहिरु गमागे, जेफ्रे वांडरसे, सुरंगा लकमल, दासुन शनाका, धनंजय डिसिल्वा, विश्व फर्नांडो, दिलरुवान परेरा, लक्षण संदाकन और रोशन सिल्वा में से.