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भगवान शिव क्या सुनने जाते थे श्मशान, जानिए इसका रहस्य…

एक बार पार्वती जी ने महादेव जी से पूछा कि आप श्मशान में क्यों जाते हैं और ये चिता की भस्म अपने शरीर पे क्यूं लगाते है. आप किसको प्रणाम करते रहते हैं? शिव जी ने पार्वती जी से कहा कि देवी जो इस श्मशान की ओर जब लोग आते है तो राम नाम का स्मरण करते हुए आते है, और इस शव के निमित्त से कई लोगों के मुख से मेरा अतिप्रिय दिव्य राम नाम निकलता है.

एक बार पार्वती जी ने महादेव जी से पूछा कि आप श्मशान में क्यों जाते हैं और ये चिता की भस्म अपने शरीर पे क्यूं लगाते है. आप किसको प्रणाम करते रहते हैं? शिव जी ने पार्वती जी से कहा कि देवी जो इस श्मशान की ओर जब लोग आते है तो राम नाम का स्मरण करते हुए आते है, और इस शव के निमित्त से कई लोगों के मुख से मेरा अतिप्रिय दिव्य राम नाम निकलता है. उसी को सुनने के लिए मैं श्मशान में जाता हूं, और इतने लोगों के मुख से राम नाम का जाप करवाने में निमित्त बनने वाले इस शव का मैं सम्मान करता हूं और प्रणाम करता हूं, फिर अग्नि में जलने के बाद उसकी भस्म को अपने शरीर पर लगा लेता हूं.

एक बार शिवजी कैलाश पर्वत पहुंचे और पार्वती जी से भोजन मांगा. पार्वती जी विष्णु सहस्रनाम का पाठ कर रहीं थीं. पार्वती जी ने कहा कि अभी पाठ पूरा नहीं हुआ, कृपया थोड़ी देर प्रतीक्षा कीजिए. शिव जी ने कहा कि इसमें तो समय और श्रम दोनों लगेंगे. संत लोग जिस तरह से सहस्र नाम को छोटा कर लेते हैं और नित्य जपते हैं वैसा उपाय कर लो. पार्वती जी ने पूछा वो उपाय कैसे करते हैं? मैं भी जानना चाहती हूं.

शिव जी ने बताया, केवल एक बार ‘राम’ कह लो तुम्हें सहस्र नाम, भगवान के एक हजार नाम लेने का फल मिल जाएगा. एक ‘राम’ नाम हजार दिव्य नामों के समान है. प्रयास पूर्वक स्वयं भी ‘राम’ नाम जपते रहना चाहिए और दूसरों को भी प्रेरित करके ‘राम’ नाम जपवाना चाहिए. इस से अपना और दूसरों का तुरंत कल्याण हो जाता है. यही सबसे सुलभ और अचूक उपाय है, इसीलिए हमारे यहां प्रणाम ‘राम’ कहकर किया जाता है.

Radheshyam Kushwaha
Radheshyam Kushwaha
पत्रकारिता की क्षेत्र में 12 साल का अनुभव है. इस सफर की शुरुआत राज एक्सप्रेस न्यूज पेपर भोपाल से की. यहां से आगे बढ़ते हुए समय जगत, राजस्थान पत्रिका, हिंदुस्तान न्यूज पेपर के बाद वर्तमान में प्रभात खबर के डिजिटल विभाग में बिहार डेस्क पर कार्यरत है. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते है. धर्म, राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों को पढ़ते लिखते रहते है.

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