Tulsi Vivah 2025: तुलसी विवाह एक बहुत ही शुभ और पवित्र अनुष्ठान है, जिसे देवउठनी एकादशी से लेकर कार्तिक पूर्णिमा के बीच किसी भी दिन किया जा सकता है. हालांकि, पंचांग के अनुसार कार्तिक शुक्ल द्वादशी का दिन सबसे शुभ माना जाता है, जो इस बार 2 नवंबर 2025, रविवार को पड़ रहा है. कई लोग हर साल तुलसी विवाह करते हैं, जबकि कुछ इसे जीवन में एक बार ही कराते हैं. यह अनुष्ठान हर किसी के लिए शुभ फल देने वाला होता है, खासकर जिनके घर में कन्या नहीं है, उन्हें अपने जीवन में एक बार तुलसी विवाह ज़रूर कराना चाहिए. अब जानते हैं शुभ मुहूर्त और पूजा विधि.
आज है तुलसी विवाह
इस साल तुलसी विवाह 2 नवंबर 2025, रविवार को मनाया जाएगा. पंचांग के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि 2 नवंबर की सुबह 7:33 बजे से शुरू होकर 3 नवंबर की सुबह 2:07 बजे तक रहेगी. उदया तिथि के हिसाब से इस साल तुलसी विवाह 2 नवंबर को ही किया जाएगा.
तुलसी विवाह शुभ मुहूर्त
तुलसी विवाह के लिए दिनभर कई शुभ समय रहेंगे —
- ब्रह्म मुहूर्त: 04:50 से 05:42 सुबह तक
- प्रातः सन्ध्या: 05:16 से 06:34 सुबह तक
- अभिजित मुहूर्त: 11:42 से 12:26 दोपहर तक
- विजय मुहूर्त: 01:55 से 02:39 दोपहर तक
- गोधूलि मुहूर्त: 05:35 से 06:01 शाम तक
- त्रिपुष्कर योग: 07:31 सुबह से 05:03 शाम तक
- सर्वार्थ सिद्धि योग: 05:03 शाम से अगले दिन 06:34 सुबह तक
घर पर तुलसी विवाह करने की आसान विधि
शाम का समय सबसे शुभ माना गया है. परिवार के सभी सदस्य अच्छे वस्त्र पहनें और तुलसी के पौधे को आंगन या पूजा स्थान पर रखें. गन्ने से मंडप सजाएं और तुलसी माता को लाल चुनरी व सुहाग सामग्री चढ़ाएं. भगवान शालिग्राम को गमले में रखकर दूध और हल्दी से उनका श्रृंगार करें. मंडप पर हल्दी लगाकर पूजा करें, मंगलाष्टक का पाठ करें और मूली, बेर, आंवला आदि अर्पित करें. आरती कर प्रसाद चढ़ाएं और तुलसी की 11 बार परिक्रमा करें. अंत में तुलसी नामाष्टक का पाठ कर माता तुलसी से सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें.
तुलसी विवाह करने के जरूरी नियम
शालिग्राम जी पर चावल नहीं चढ़ाएं. पूजा में तिल, फूल और तुलसी दल का प्रयोग करें. विवाह सायंकाल में दीपक जलाकर करें. कुंवारी कन्याएं तुलसी को चुनरी चढ़ाएं, इससे अच्छा जीवनसाथी मिलने का योग बनता है.

