Pradosh Vrat 2025: इस बार सितंबर का महीना भगवान शिव के भक्तों के लिए खास रहने वाला है. इस महीने दो शुक्र प्रदोष व्रत पड़ रहे हैं. प्रदोष व्रत हर साल त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. इसे शिवजी का सबसे प्रिय व्रत माना जाता है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से दुख, दरिद्रता और क्लेश जीवन से दूर हो जाते हैं.
पहला शुक्र प्रदोष व्रत किस दिन और कितने बजे से है?
पहला शुक्र प्रदोष व्रत 5 सितंबर को सुबह 4:08 बजे से शुरू होगा, जो कि 6 सितंबर सुबह 3:12 बजे तक रहेगा. इस दौरान पूजा के लिए शाम 6:38 से रात 8:55 बजे तक का समय शुभ रहेगा. माना जाता है कि इस व्रत को करने से घर में धन, सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन में खुशहाली रहती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग आर्थिक तंगी से परेशान हैं, उनके लिए यह व्रत बेहद लाभकारी है.
दूसरा शुक्र प्रदोष व्रत कब है और इसकी मान्यता क्या है?
दूसरा शुक्र प्रदोष व्रत 18 सितंबर रात 11:24 बजे से शुरू होगा और 19 सितंबर रात 11:36 बजे तक रहेगा. इस दिन पूजा के लिए शाम 6:21 से रात 8:43 बजे तक का समय शुभ रहेगा. मान्यता है कि इन व्रतों को करने से भक्तों को संकटों से छुटकारा मिलता है. आमतौर पर विवाहित महिलाएं इसे अपने पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं. यह व्रत शत्रुओं पर विजय पाने और जीवन की परेशानियों को दूर करने में सहायक माना जाता है.
व्रत में मंत्र और पूजा सामग्री
इस दिन शिवजी को प्रसन्न करने के लिए खीर, मिठाई, पंचामृत, भांग, धतूरा और सत्तू अर्पित किया जाता है. इस दिन दान के रूप में दूध, दही, सफेद कपड़े और सफेद मिठाई देना शुभ माना जाता है. मंत्र जाप में “ॐ नमः शिवाय” के साथ अन्य शिव मंत्रों का उच्चारण किया जा सकता है.
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