Sankasthi Chaturthi 2025: संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित एक पावन व्रत है. जिसे हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन व्रत और पूजा माध्यम से भक्त गणपति बप्पा से अपने जीवन की बाधाओं को दूर करने की प्रार्थना करते हैं. ज्येष्ठ माह में आने वाली संकष्टी चतुर्थी को ‘एकदंत संकष्टी चतुर्थी’ कहा जाता है, जो इस वर्ष 16 मई 2025 को मनाई जाएगी.
भोग के रूप में अर्पित करें ये चीजें
भगवान गणेश को मोदक अत्यंत प्रिय हैं, इसलिए इस दिन उन्हें मोदक का भोग अवश्य लगाएं. इसके अलावा, बूंदी के लड्डू, मालपुआ और चावल की खीर भी अर्पित की जा सकती है. नारियल और केला भी गणपति जी को प्रिय हैं, इन्हें भी भोग में शामिल करें. इन भोगों को अर्पित करने से बप्पा प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.
इस तरह अर्पित करें दूर्वा
दूर्वा अर्पण के बिना गणेश पूजा अधूरी मानी जाती है. दूर्वा को पहले स्वच्छ पानी से धो लें और फिर 21 दूर्वाओं का एक गुच्छा बनाकर गणेश जी को अर्पित करें. ध्यान रखें कि दूर्वा किसी साफ स्थान पर उगी हुई होनी चाहिए. दूर्वा अर्पित करते समय ‘श्री गणेशाय नमः दूर्वांकुरण समर्पयामि’ मंत्र का जाप करें.
एकदंत संकष्टी चतुर्थी की तिथि और शुभ मुहूर्त
एकदंत संकष्टी चतुर्थी 16 मई 2025, शुक्रवार को मनाई जाएगी. इस दिन चंद्रोदय रात 10:39 बजे होगा, जिसके बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाएगा. पूजा का शुभ मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त से लेकर चंद्रोदय तक रहेगा.
कब है एकदन्त संकष्टी चतुर्थी
पंचांग के अनुसार, इस वर्ष एकदन्त संकष्टी चतुर्थी शुक्रवार, 16 मई, 2025 को मनाई जाएगी. गणेश जी के एकदंत स्वरूप को अष्टविनायक रूपों में से एक माना जाता है.
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