Rakshabandhan 2025: रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम और सुरक्षा के वचन का प्रतीक है. इस पावन दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं, जिससे वे अपने भाई की लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करती हैं. इस खास दिन की शुरुआत शुभ मुहूर्त में भगवानों की पूजा-अर्चना से होती है.
भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा
रक्षाबंधन पर सबसे प्रमुख पूजा भगवान विष्णु की की जाती है. विष्णु जी को पालक और रक्षक माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि राखी के धागे से भाई-बहन के रिश्ते में मजबूती आती है, और भगवान विष्णु की कृपा से भाई की रक्षा होती है. साथ ही देवी लक्ष्मी की भी पूजा होती है, जो धन-समृद्धि और सुख-शांति की देवी हैं.
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हनुमान जी की उपासना
कई स्थानों पर रक्षाबंधन के दिन भगवान हनुमान की भी पूजा होती है. हनुमान जी साहस, शक्ति और संकटों को हरने वाले देवता हैं. उनकी पूजा से परिवार में अडिग सुरक्षा और ऊर्जा आती है.
गणेश जी की पूजा
रक्षाबंधन की शुरुआत गणेश जी की पूजा से भी होती है क्योंकि वे विघ्नहर्ता हैं. उनकी उपासना से रक्षाबंधन के शुभ कार्यों में कोई बाधा नहीं आती और त्योहार की सफलता सुनिश्चित होती है.
पितरों की भी होती है स्मृति
रक्षाबंधन पर कई परिवार पितरों की पूजा भी करते हैं, ताकि पूर्वजों की आशीर्वाद बनी रहे और परिवार में सुख-समृद्धि का संचार हो.

