Navratri 2025: नवरात्रि के दौरान कई भक्त व्रत रखते हैं, कलश स्थापना करते हैं और मांस-मदिरा, शराब का सेवन नहीं करते हैं. इसके साथ ही कुछ लोग लहसुन और प्याज का भी त्याग करते हैं. लेकिन कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि अगर नवरात्रि में लहसुन-प्याज खा लिया तो क्या पाप लगता है या मां दुर्गा की पूजा में कोई बाधा आएगी. इस तरह की शंका आमतौर पर उन लोगों को होती है जो पारंपरिक नियमों का पालन करते हुए अपनी साधना और व्रत को पवित्र रखना चाहते हैं.
क्या कहा प्रेमानंदजी महाराज ने
प्रेमानंदजी महाराज के अनुसार, साधु-संतों को लहसुन और प्याज नहीं खाना चाहिए. क्योंकि इनसे तमोगुण बढ़ता है, जो जप, तप और साधना में बाधा डाल सकता है. हालांकि यह पाप नहीं है, क्योंकि इनकी उत्पत्ति अन्य सब्जियों जैसे आलू से होती है. फिर भी साधक, विशेष रूप से दीक्षा प्राप्त व्यक्ति, इनका सेवन न करें ताकि उनकी साधना में किसी प्रकार की बाधा न आए.
इसलिए मना है प्याज लहसून खाना
भक्ति और व्रत का मुख्य उद्देश्य मानसिक शांति, आध्यात्मिक विकास और माता की कृपा प्राप्त करना है. नवरात्रि के दौरान साधक जो भी खाते हैं, उसका संबंध उनके आध्यात्मिक अभ्यास से होता है. लहसुन और प्याज को साधना में रुकावट माने जाने का कारण यह है कि ये तमोगुण जैसे आलस्य और नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाते हैं. इससे जप, तप और ध्यान में एकाग्रता प्रभावित हो सकती है. इसलिए कई संत और गुरु इनका सेवन विशेष रूप से साधकों के लिए वर्जित मानते हैं.
लहसुन-प्याज खाने पर नहीं लगता पाप
लहसुन-प्याज खाना पाप नहीं है. यह भी बाकी सब्जियों की तरह ही प्राकृतिक हैं, लेकिन साधना और व्रत के समय इनसे दूर रहना श्रेष्ठ माना गया है. इससे साधक अपनी पूजा, भजन, ध्यान और व्रत को पूरी शुद्धि और ध्यान के साथ कर सकता है, जिससे मां दुर्गा की कृपा अधिक प्राप्त होती है.

