Mahalaya 2025 Exact Date: महालया अमावस्या हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है. यह दिन पितृ पक्ष के समापन और शारदीय नवरात्रि की शुरुआत का प्रतीक है. इस दिन पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है और मां दुर्गा के आगमन की तैयारियां शुरू होती हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार महालया अमावस्या पितरों के प्रति कृतज्ञता और श्रद्धा का पर्व है.
पितृ पक्ष और दुर्गा पूजा की शुरुआत
महालया अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या भी कहा जाता है. मान्यता है कि इस दिन पितृ अपने लोक वापस चले जाते हैं और मां दुर्गा अपने परिवार सहित कैलाश पर्वत से धरती पर आगमन करती हैं. इस दिन से देवी दुर्गा के स्वागत की शुरुआत होती है और दुर्गा पूजा की तैयारियों में तेजी आ जाती है.
महालया अमावस्या 2025 की तिथि
साल 2025 में शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर, सोमवार से शुरू होगी. इससे एक दिन पहले महालया अमावस्या 21 सितंबर 2025 को पड़ रही है. इस दिन पितरों को तर्पण और श्रद्धांजलि देना अत्यंत फलदायी माना गया है. साथ ही मां दुर्गा के आगमन को लेकर विशेष धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं.
महालया अमावस्या 2025 का मुहूर्त
महालया अमावस्या की तिथि 21 सितंबर 2025 को सुबह 12:16 बजे शुरू होकर 22 सितंबर 2025 को सुबह 1:23 बजे तक रहेगी.
- कुतुप मुहूर्त – सुबह 11:50 से दोपहर 12:38 बजे तक
- रौहिण मुहूर्त – दोपहर 12:38 से दोपहर 1:27 बजे तक
- अपराह्न काल – दोपहर 1:27 से दोपहर 3:53 बजे तक
धरती पर मां दुर्गा का आगमन
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महालया के दिन मां दुर्गा अपने पूरे परिवार के साथ कैलाश पर्वत से विदा लेकर धरती पर आती हैं. इस अवसर पर पितरों का तर्पण किया जाता है और शारदीय नवरात्रि की तैयारियों में मूर्तियों को अंतिम रूप दिया जाता है. देवी की मूर्तियों में आंखों का रंग भरने की परंपरा भी महालया पर ही पूरी की जाती है.

