Mahalaxmi Vrat 2025 Date: पंचांग के अनुसार, महालक्ष्मी व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से शुरू होकर आश्विन माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तक चलता है. यह व्रत विशेष रूप से माता लक्ष्मी, धन और समृद्धि की देवी को समर्पित है.
महालक्ष्मी व्रत 16 दिनों तक चलता है और इस दौरान भक्त माता लक्ष्मी की आराधना कर सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना करते हैं. इसे गज लक्ष्मी व्रत के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि पूजा में माता लक्ष्मी को गज पर विराजमान कर पूजन किया जाता है.
मान्यता है कि इस व्रत को करने से जीवन की सभी परेशानियाँ दूर होती हैं और माता लक्ष्मी की कृपा निरंतर बनी रहती है. इस प्रकार, महालक्ष्मी व्रत न केवल आध्यात्मिक बल्कि आर्थिक और पारिवारिक समृद्धि के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है.
महालक्ष्मी व्रत 2025: कब करें?
ज्योतिषाचार्य डॉ. एन. के. बेरा के अनुसार, महालक्ष्मी व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि, यानी 14 सितंबर 2025, रविवार को रखा जाएगा. यह व्रत सुबह 05:04 बजे से शुरू होकर अगले दिन सुबह 03:06 बजे तक रहेगा. चूंकि अष्टमी तिथि का सूर्योदय 14 सितंबर को है और पूरे दिन यही तिथि रहेगी, इसलिए महालक्ष्मी व्रत इसी दिन किया जाएगा.
महालक्ष्मी व्रत 2025 शुभ मुहूर्त
- सुबह: 09:19 – 10:51
- दोपहर: 11:58 – 12:46 (अभिजीत मुहूर्त)
- दोपहर: 01:53 – 03:25
- शाम: 06:27 – 07:56
महालक्ष्मी व्रत का पूजन विधि
- माता लक्ष्मी की पूजा करने के लिए सबसे पहले पूजा स्थल पर हल्दी से कमल का चित्र बनाएं और उस पर मां लक्ष्मी की गज पर बैठी मूर्ति स्थापित करें. पूजा में श्रीयंत्र अवश्य रखें, क्योंकि यह माता लक्ष्मी का प्रिय यंत्र है.
- इसके साथ सोने-चांदी के सिक्के, ताजे फल, फूल और माता का श्रृंगार रखें. एक साफ और स्वच्छ कलश में पानी भरकर उसे पूजा स्थल पर रखें. इस कलश में पान का पत्ता डालें और उसके ऊपर नारियल रखें.
- इसके बाद, फल, पुष्प और अक्षत से पूजा करें. पूजा के अंत में चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का उद्यापन करें.

