Karwa Chauth 2025: करवा चौथ का त्योहार इस साल 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा. यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. विवाहित महिलाएं इस पर्व को अपने पति की लंबी उम्र और सलामती के लिए करती हैं. इस दिन माता करवा की पूजा की जाती है. महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं. इस पूजा में मिट्टी के करवा और छलनी का विशेष महत्व होता है. इन दोनों चीज़ों के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है. ऐसे में पूजा के बाद इस्तेमाल की गई छलनी और करवा का क्या करना चाहिए, आइए जानते हैं इस लेख के माध्यम से.
करवा चौथ की पूजा के बाद करवा का क्या करना चाहिए?
- पूजा के बाद करवा को किसी पवित्र पेड़ के नीचे रखना चाहिए. आप चाहें तो करवा को नीम, पीपल, आम या बरगद के पेड़ के नीचे रख सकती हैं. हिंदू धर्म में इन पेड़ों को बेहद पवित्र और पूजनीय माना गया है.
- आप चाहें तो करवा को नदी में प्रवाहित भी कर सकती हैं. ऐसा करना शुभ माना जाता है.
- अगर आप चाहें तो पूजा में इस्तेमाल किए गए करवा को अगले साल दोबारा उपयोग के लिए संभालकर रख सकती हैं. इसके लिए करवा को घर के किसी स्वच्छ और पवित्र स्थान पर सालभर के लिए रखें.
करवा चौथ पर इस्तेमाल की गई छलनी का क्या करें?
मान्यता के अनुसार, पूजा में इस्तेमाल की गई छलनी को संभालकर रखना चाहिए. यदि आप चाहें तो इसे अगली बार की पूजा में दोबारा उपयोग कर सकती हैं. इसे कहीं भी इधर-उधर न फेंकें.
करवा चौथ की पूजा के बाद क्या नहीं करना चाहिए?
पूजा में इस्तेमाल किए गए करवा को खंडित न करें.
करवा या छलनी को किसी अपवित्र स्थान पर न फेंकें.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.
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