Kartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा का दिन ज्योतिष और धर्म, दोनों ही दृष्टि से बहुत शुभ माना गया है. इस दिन मोती (Pearl) पहनना बेहद फायदेमंद होता है. माना जाता है कि मोती चंद्रदेव का रत्न है, जो मन को शांति, स्थिरता और आत्मविश्वास देता है. जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है या जो अक्सर टेंशन और चिंता में रहते हैं, उनके लिए यह रत्न बहुत अच्छा माना गया है. मोती पहनने से परिवार में तालमेल बना रहता है और व्यवसाय या नौकरी में भी तरक्की मिलती है.
कब है कार्तिक पूर्णिमा और क्या है शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि 4 नवंबर 2025 को सुबह 10:36 बजे शुरू होकर 5 नवंबर 2025 को शाम 6:48 बजे तक रहेगी. उदया तिथि के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा का पावन पर्व 5 नवंबर 2025 को मनाया जाएगा. इस दिन स्नान और दान का सबसे शुभ समय सुबह 4:52 बजे से 5:44 बजे तक रहेगा. इस मुहूर्त में पूजा और दान करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है. कार्तिक पूर्णिमा पर सुबह के समय पवित्र स्नान और पूजा का विशेष महत्व रहेगा. ऐसा करने से पापों का नाश होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है.
इन चीजों के लिए शुभ है कार्तिक पूर्णिमा
कार्तिक पूर्णिमा का दिन ज्योतिष और आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत ही शुभ माना जाता है. इस दिन दीपदान, स्नान और दान करने के साथ-साथ रत्न धारण करना भी बेहद फलदायी होता है. ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि अगर कार्तिक पूर्णिमा के दिन सही रत्न पहना जाए, तो जीवन में धन, सौभाग्य और मानसिक शांति आती है.
कार्तिक पूर्णिमा का धार्मिक महत्व
कार्तिक पूर्णिमा का दिन बहुत पवित्र माना जाता है. इसे देव दीपावली और त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने तीन दुष्ट असुरों का वध किया था. इसलिए यह दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ भगवान शिव की पूजा के लिए भी बेहद शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि इस दिन देवता पृथ्वी पर आकर दिवाली मनाते हैं. इसलिए लोग इस दिन गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान, दान-पुण्य, और शाम को दीप जलाने का विशेष महत्व मानते हैं. कार्तिक पूर्णिमा पर किया गया स्नान, दान और दीपदान जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाता है.
2025 में कार्तिक गंगा स्नान कब है?
कार्तिक गंगा स्नान 5 नवंबर 2025 को किया जाएगा. इस दिन प्रातःकाल 4:52 बजे से 5:44 बजे तक का समय स्नान के लिए सबसे शुभ माना गया है.
कार्तिक माह की पूर्णिमा कब है?
कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि 4 नवंबर 2025 को सुबह 10:36 बजे शुरू होकर 5 नवंबर 2025 को शाम 6:48 बजे समाप्त होगी.
कार्तिक पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है?
कार्तिक पूर्णिमा भगवान शिव द्वारा त्रिपुरासुर के वध की स्मृति में मनाई जाती है. इसे देव दीपावली भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन देवता पृथ्वी पर आकर दीपोत्सव मनाते हैं.
कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी की पूजा कैसे करें?
इस दिन तुलसी के पौधे को गंगाजल से स्नान कराएं, दीप जलाएं, पुष्प चढ़ाएं और “ॐ तुलस्यै नमः” मंत्र का जप करते हुए परिक्रमा करें.
कार्तिक पूर्णिमा पर कितने दीये जलाएं?
कार्तिक पूर्णिमा की शाम कम से कम 11, 21 या 51 दीप जलाना शुभ माना जाता है. यदि संभव हो तो गंगा या किसी पवित्र नदी किनारे दीपदान अवश्य करें.

