Kartik Month 2025: कार्तिक के पवित्र महीने में श्रद्धालु गंगा सहित अन्य पवित्र नदियों में स्नान और ध्यान करते हैं. इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, जिससे घर में सौभाग्य और आनंद की वृद्धि होती है. इसी माह में दान देने का भी विशेष महत्व है. कार्तिक मास तुलसी माता को भी समर्पित है, इसलिए प्रतिदिन स्नान के बाद तुलसी माता को जल अर्पित किया जाता है और शाम के समय में उनकी आरती की जाती है. आर्थिक तंगी से मुक्ति पाने के लिए भी इस महीने में प्रतिदिन भगवान विष्णु और तुलसी माता की पूजा और मंत्रों का जप करने की सलाह दी जाती है.
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय:
यह मंत्र भगवान विष्णु को समर्पित एक प्रमुख साधना मंत्र है. इसका नियमित जाप करने से मन में भक्ति और श्रद्धा बढ़ती है तथा जीवन में खुशहाली और समृद्धि आती है.
ॐ नमो नारायणाय:
यह सरल और प्रभावशाली मंत्र भक्तों को भगवान नारायण से जोड़ता है. इसे जपने से मानसिक शांति मिलती है और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है.
नारायण गायत्री मंत्र
मंत्र: “ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥”
इस मंत्र का जाप भगवान विष्णु की कृपा पाने का साधन माना जाता है. इसे नियमित करने से जीवन में शांति, सुख और समृद्धि आती है.
क्यों की जाती है तुलसी पूजा?
संपूर्ण स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा: तुलसी माता के पूजन से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और रोग-बीमारियों से बचाव होता है.
सुख-समृद्धि में वृद्धि: तुलसी माता की आराधना करने से परिवार में सुख, सौभाग्य और धन की वृद्धि होती है.
कष्टों और बाधाओं से मुक्ति: तुलसी माता की भक्ति से जीवन में आने वाले कठिनाई और संकट कम होते हैं.
आध्यात्मिक लाभ: तुलसी का पूजन करने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है.
2025 में कार्तिक मास कब शुरू हो रहा है?
इस बार कार्तिक मास 8 अक्टूबर से 5 नवंबर तक है.
कार्तिक मास में कौन-कौन से काम शुभ माने जाते हैं?
गंगा स्नान, भगवान विष्णु और तुलसी माता की पूजा, दान-पुण्य और मंत्र जाप इस महीने में विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं.
कार्तिक मास में दान क्यों करना महत्वपूर्ण है?
इस माह में दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-शांति व समृद्धि बढ़ती है.
कार्तिक मास में गंगा स्नान का महत्व क्या है?
गंगा स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मानसिक शांति व स्वास्थ्य लाभ होता है.
कार्तिक मास में तुलसी माता की पूजा कैसे करें?
प्रतिदिन स्नान के बाद तुलसी माता को जल अर्पित करें और संध्या में उनकी आरती करें. मंत्र जाप करना शुभ माना जाता है.
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