Jitiya Vrat 2025: जितिया व्रत इस साल14 सितंबर को रखा जाएगा. यह व्रत महिलाएं हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को करती हैं. माताएं इस व्रत को अपने बच्चों की लंबी उम्र और निरोगी जीवन की कामना के लिए करती हैं. यह व्रत तीन दिनों तक चलता है. मान्यता है कि जो भी इसे विधि-विधान और सभी नियमों का सही ढंग से पालन करके पूरा करती है, उस पर भगवान जीमूतवाहन की कृपा बनी रहती है. आइए जानते हैं कि इस व्रत के दौरान व्रती को क्या करना चाहिए और क्या नहीं.
व्रत के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं
- धार्मिक मान्यता के अनुसार, एक बार जितिया व्रत शुरू करने के बाद इसे बीच में छोड़ना नहीं चाहिए. एक बार शुरू होने के बाद इसे हर साल करना परंपरा है. माना जाता है कि अगर इस व्रत को घर में किसी महिला ने शुरू किया, तो उसके बाद उसकी बहू भी यह व्रत करेगी. इसी तरह यह परंपरा आगे बढ़ती रहती है.
- इस दिन माताओं को स्नान करने के बाद सात्विक भोजन करना चाहिए. माना जाता है कि इस दिन केवल एक बार भोजन करना चाहिए.
- जितिया व्रत नहाय-खाय के अगले दिन रखा जाता है. यह व्रत निर्जला होता है, यानी पूरे दिन और रात ना खाना, ना पानी पीना.
- इस दिन सुबह स्नान करने के बाद व्रत विधि-विधान से शुरू करना चाहिए. खास बात यह है कि इस दिन जीमूतवाहन की कुश से बनी मूर्ति की पूजा और आरती करनी चाहिए. शाम को व्रती महिलाओं को कथा सुननी चाहिए.
- साथ ही इस व्रत में चीड़ और सियार की मूर्ति, जो गाय के गोबर से बनाई जाती है, उसकी भी पूजा करनी चाहिए.
- इस दिन पूरी तरह से ब्राह्मचर्य का पालन करना चाहिए और घर में झगड़ा या लड़ाई से बचना चाहिए.
- मान्यता है कि इस व्रत में महिलाएं बिस्तर पर नहीं सोतीं, बल्कि भूमि पर ही विश्राम करती हैं.
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