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नया संवत्सर रेवती नक्षत्र में करेगा प्रवेश,जानें कैसा रहेगा पूरा वर्ष

Hindu New Year 2025: सनातन परंपरा के अनुसार, नए वर्ष की शुरुआत नव संवत से होती है, जो 29 मार्च को शाम 4 बजकर 28 मिनट पर आरंभ होने जा रहा है. इस समय चैत्र मास की अमावस्या समाप्त होगी और प्रतिपदा तिथि का आरंभ होगा. इसलिए, नव संवत की शुरुआत 30 मार्च से मानी जाएगी, जिससे विक्रम संवत 2082 की शुरुआत होगी. यह संवत अगले वर्ष 10 मार्च तक चलेगा. चूंकि संवत की शुरुआत रविवार को हो रही है, इस वर्ष का राजा सूर्य होगा, और इसी दिन सूर्य का मेष राशि में प्रवेश भी होगा.

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Hindu New Year 2025: नए संवत्सर की शुरुआत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होगी. पंचांग के अनुसार, 30 मार्च 2025, रविवार को हिंदू नववर्ष संवत्सर 2082 का आरंभ होगा, जिसे कालयुक्त नाम से जाना जाएगा. इस दिन से हिंदू धर्म में नववर्ष का आरंभ होता है.

अलग अलग राज्यों में हैं इसके विभिन्न नाम

विभिन्न राज्यों में इसे अलग-अलग नामों से मनाया जाता है. महाराष्ट्र में इसे गुड़ी पड़वा के रूप में मनाया जाता है, जबकि उत्तर भारत में यह दिन बसंत नवरात्रि की शुरुआत का प्रतीक है, जिसमें माता की शक्ति का पूजन किया जाता है. असम में इसे बिहू के रूप में मनाया जाता है, और पंजाब में इसे बैसाखी के नाम से जाना जाता है. नव वर्ष की शुरुआत शुभ कार्यों से करने की परंपरा है, इसलिए लोग अपने-अपने घरों में अपने रीति-रिवाजों के अनुसार पूजा करते हैं. नया संवत्सर अत्यंत शुभ रहेगा, जिसका आरंभ रविवार को होगा. इस वर्ष का राजा सूर्य होंगे, जबकि मंत्री के रूप में भी सूर्य की भूमिका होगी. धन और खनिज तथा धातु के स्वामी बुध रहेंगे. इस वर्ष मंगल खाद्य पदार्थों के स्वामी होंगे, और दुर्गेश सूर्य के निकट रहेंगे. वर्षा के स्वामी भी सूर्य होंगे, जिससे इस संवत्सर में अच्छी वर्षा की संभावना है. फलेश शनि रहेंगे, और रोहिणी का निवास समुद्र में होगा.

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हिन्दू नववर्ष पर ग्रहों का शुभ संयोग बन रहा है

नए संवत्सर 2082 की शुरुआत के दिन ग्रहों का एक शुभ संयोग उत्पन्न हो रहा है. इस दिन रेवती नक्षत्र संध्या 6:14 बजे तक विद्यमान रहेगा. इसके बाद अश्वनी नक्षत्र का आरंभ होगा. मीन लग्न सुबह 06:36 बजे तक रहेगा, इसके पश्चात मेष लग्न का आरंभ होगा. सूर्य, बुध, राहु, शनि और शुक्र सभी एक साथ मीन राशि में संचरण करेंगे, जबकि केतु कन्या राशि में स्थित रहेंगे. देवगुरु बृहस्पति वृषभ राशि में और मंगल मिथुन राशि में रहेंगे.

नए संवत्सर के राजा और मंत्री सूर्य होंगे

कलयुक्त संवत्सर का स्वामी सूर्य होने के कारण इस वर्ष का निवास स्थान अत्यंत सुंदर होगा. नए संवत्सर का स्वामी सूर्य होने से इसका निवास माली के घर में होगा, जो कि बहुत शुभ रहेगा. इस वर्ष में फल-फूल और उद्यान शनि के निकट होंगे, जिससे जंगली फल-फूल की महत्ता बढ़ जाएगी. दुष्ट लोगों से सावधान रहना आवश्यक है, क्योंकि घर में कालयुक्त संवत्सर का निवास होगा, जो विशेष रूप से घर में उपयोगी रहेगा.

अच्छी वर्षा होने का शुभ संकेत

नए संवत्सर का स्वामी सूर्य है राजा और मंत्री स्वयं है इनका वाहन हाथी है जिसे समाज का कल्याण होगा एकता बनी रहेगी वर्षा खुब होगा फसल अच्छा होगा जिसे किसान प्रसन्न रहेगे आम जनता भी प्रसन्न रहेगें.लेकिन मवेशी के लिए उत्तम नहीं रहेगा .

भारतीए राजनीतिक पर इसका खास असर पड़ेगा

नए संवत्सर पर सूर्य का विषेश प्रभाव होने के कारण भारतीय राजनीतिक पर काफी असर पड़ेगा सूर्य को राजा तथा मंत्री बनने के कारण साथ रविवार को संवत्सर का आरम्भ होने से राजतंत्र पर ज्यादा प्रभाव पड़ेगा, विदेशी कूटनीति से अच्छा प्रभाव पड़ेगा कई राज्यों में सता बदलाव देखा जा सकता है इतना ही नहीं कुछ छोटे -छोटे राजनितिक पार्टियां का विलय हो सकती है नया साल में धनेश बुध है फलेश शनि राजा सूर्य जिसे लोगो का ध्यान भक्ति भाव में रहेगा ,धर्म के कार्य में आस्था बढ़ जायेगा .लोग प्रसन्न रहेगे व्यापार में अच्छा लाभ होगा शिक्षा के क्षेत्र में उन्नति होगा .

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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

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