Hartalika Teej 2025 Puja Samagri: हरितालिका तीज व्रत उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में महिलाओं का विशेष पर्व माना जाता है. इस दिन सुहागिनें और अविवाहित कन्याएं निर्जला उपवास रखकर प्रदोष काल में शिव-पार्वती की पूजा करती हैं और व्रत कथा का श्रवण करती हैं. विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं, जबकि कुंवारी कन्याएं मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए यह कठोर व्रत करती हैं. इस वर्ष हरितालिका तीज का पावन पर्व 26 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा. आइए जानते हैं इस व्रत-पूजन के लिए आवश्यक सामग्री की पूरी सूची.
हरितालिका तीज का व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है. इस दिन पूजन के लिए विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है. महिलाएं पूरी श्रद्धा के साथ पूजन स्थल को सजाती हैं और विधिपूर्वक व्रत का पालन करती हैं. आइए जानते हैं पूजा सामग्री की संपूर्ण सूची—
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- भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की प्रतिमा या चित्र – पूजन का मुख्य आधार.
- मिट्टी या लकड़ी का पट्टा (चौकी) – जिस पर प्रतिमा या चित्र स्थापित किया जाता है.
- आसन और स्वच्छ वस्त्र – पूजन करने वाले के लिए.
- कलश, जल और गंगाजल – कलश स्थापना और अभिषेक के लिए.
- बेलपत्र, बिल्वपत्र, आक, धतूरा – भगवान शिव के प्रिय पत्र-पुष्प.
- फूल और माला – माता पार्वती और शिवजी को अर्पित करने के लिए.
- धूप, दीप, अगरबत्ती, घी का दीपक और रुई की बत्ती – पूजन और आरती के लिए.
- फलों की टोकरी और मौसमी फल – प्रसाद स्वरूप.
- पान, सुपारी, नारियल और लौंग-इलायची – पूजन में शुभ माने जाते हैं.
- श्रृंगार सामग्री – सिंदूर, बिंदी, चूड़ी, मेहंदी, कंगन, आलता, काजल आदि, जो माता पार्वती को अर्पित किए जाते हैं.
- मिठाई और पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी और शक्कर) – भोग के लिए.
- व्रत कथा पुस्तक – हरितालिका तीज व्रत कथा श्रवण और पाठ हेतु.

