Diwali Puja Date 2025| Diwali Kab Hai: हिंदू धर्म में कार्तिक अमावस्या के दिन आने वाली दीवाली को साल का सबसे शुभ और बड़ा त्योहार माना जाता है. यह दिन अंधकार पर प्रकाश की जीत और नई उम्मीदों की शुरुआत का प्रतीक है. आइए जानते हैं इस साल दीपावली कब मनाई जाएगी.
2025 में कब है दिवाली( Diwali Kab Hai)
वैदिक पंचांग के मुताबिक, कार्तिक मास की अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर की सुबह 3 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी. यह तिथि 21 अक्टूबर को सुबह 5 बजकर 54 मिनट तक रहेगी. इसलिए दीपावली का पर्व इस वर्ष 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा.
दीपावली पूजन का शुभ समय( Diwali Puja Muhurat Time)
इस साल लक्ष्मी पूजन का उत्तम मुहूर्त शाम 7 बजकर 8 मिनट से 8 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. भक्त इस अवधि में किसी भी समय विधिवत पूजा कर सकते हैं.
दीवाली के दिन बनने वाले शुभ योग
शनि वक्री योग: जब शनि देव मीन राशि में वक्री रहते हैं, तब यह योग कई राशियों को लाभ और तरक्की के अवसर देता है.
हंस महापुरुष योग: इस दिन गुरु ग्रह के कर्क राशि में स्थित होने से हंस योग बनता है. यह व्यक्ति को धन, यश और ज्ञान प्रदान करने वाला अत्यंत शुभ योग माना जाता है.
कलात्मक योग: कन्या राशि में चंद्रमा और शुक्र की युति से यह योग बनता है, जो जीवन में सौंदर्य, प्रेम और मानसिक शांति लाता है.
बुधादित्य योग: सूर्य और बुध के तुला राशि में एक साथ आने से बनने वाला यह योग बुद्धिमत्ता, प्रभाव और सफलता बढ़ाने में सहायक होता है.
दिवाली पूजन विधि और मंत्र
- दीपावली पूजा की शुरुआत “ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा। यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यंतरः शुचिः॥” इस पवित्री मंत्र से करें. इस मंत्र का उच्चारण करते हुए स्वयं पर, आसन और पूजन सामग्री पर कुशा या पुष्प से तीन बार जल के छींटे दें.
- इसके बाद आचमन करें- “ऊँ केशवाय नमः, ऊँ माधवाय नमः, ऊँ नारायणाय नमः” और फिर हाथ धो लें. अब आसन को शुद्ध करें. इसके लिए यह मंत्र बोलें — ॐ पृथ्वी त्वया धृता लोका देवि त्वं विष्णुना धृता। त्वं च धारय मां देवि पवित्रं कुरु चासनम्॥”
- फिर चंदन लगाएं. अनामिका उंगली से श्रीखंड चंदन का तिलक करते हुए यह मंत्र कहें “चन्दनस्य महत् पुण्यं पवित्रं पापनाशनम्। आपदां हरते नित्यं लक्ष्मी तिष्ठ सर्वदा॥” इससे मन, शरीर और स्थान तीनों पवित्र माने जाते हैं तथा मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है.
दीवाली पर पूजा कब की जाती है?
कार्तिक अमावस्या की शाम को लक्ष्मी–गणेश की पूजा की जाती है.
पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
इस वर्ष पूजन का समय शाम 7:08 से 8:18 बजे तक शुभ माना गया है.
दीवाली पर किन देवी-देवताओं की पूजा होती है?
मां लक्ष्मी, भगवान गणेश, और श्रीराम दरबार की पूजा की जाती है.
दीवाली पर क्या चढ़ाना चाहिए?
लक्ष्मी माता को कमल पुष्प, खील-बताशे, मिठाई, चावल और दीप अर्पित करें.
दीवाली पर दीपदान का क्या महत्व है?
दीप जलाने से अंधकार दूर होता है और घर में लक्ष्मी का वास होता है.
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