Chandra Grahan Precautions for pregnant women: साल का दूसरा चंद्र ग्रहण आज भाद्रपद पूर्णिमा पर 7 सितंबर 2025 के दिन लगने जा रहा है. शास्त्रों के अनुसार गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है. यदि ये सावधानियां नहीं अपनाई जाती हैं तो गर्भस्थ शिशु पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं. जानें 5 महत्वपूर्ण चीजें जो उन्हें नहीं करनी चाहिए.
गर्भवती महिलाओं के लिए चंद्र ग्रहण में 5 सावधानियां
घर से बाहर न निकलें
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं का घर से बाहर निकलना अशुभ माना जाता है. बाहरी वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा और अशुभ प्रभाव अधिक हो सकते हैं, जो गर्भस्थ शिशु पर असर डाल सकते हैं.
तेल-मालिश और शारीरिक परिश्रम न करें
ग्रहण काल में भारी शारीरिक परिश्रम, तेल-मालिश या अन्य सक्रिय गतिविधियां करने से बचें. इससे शारीरिक थकान बढ़ सकती है और शिशु पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.
अन्न और जल ग्रहण में सावधानी
सूतक काल शुरू होने के बाद भोजन और जल ग्रहण न करें. यदि अत्यंत आवश्यकता हो तो केवल गंगाजल या पवित्र जल का प्रयोग करें.
धार्मिक और मांगलिक कार्यों से बचें
देवी-देवताओं की मूर्तियों को छूने, पवित्र वृक्षों (तुलसी, पीपल, बरगद) के पास जाने और धार्मिक अनुष्ठान करने से बचें. यह समय मानसिक और आध्यात्मिक रूप से संवेदनशील होता है.
ध्यान और मानसिक शांति बनाए रखें
गर्भवती महिलाओं को तनाव, चिंता और अशुभ विचारों से दूर रहना चाहिए. ध्यान, साधना या मंत्र जाप करने से मानसिक शांति मिलती है और गर्भस्थ शिशु पर सकारात्मक ऊर्जा का असर पड़ता है.
ग्रहण समाप्त होने के बाद घर की सफाई करें और गर्भवती महिलाएं संतुलित भोजन और आराम पर ध्यान दें. इन सावधानियों को अपनाकर चंद्र ग्रहण के नकारात्मक प्रभावों से खुद और शिशु को सुरक्षित रखा जा सकता है.

