35.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Chaitra Purnima 2024: इस दिन है चैत्र पूर्णिमा, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Chaitra Purnima 2024: चैत्र पूर्णिमा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. आइए जानें इस पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Chaitra Purnima 2024: चैत्र पूर्णिमा, जिसे चैती पूनम के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू नववर्ष का पहला महत्वपूर्ण त्यौहार है. यह त्यौहार हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. इस वर्ष, चैत्र पूर्णिमा 23 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी. चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती और महावीर जयंती भी मनाई जाती है.

शुभ मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 23 अप्रैल 2024, प्रातः 3:25 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 24 अप्रैल 2024, प्रातः 5:18 बजे
स्नान मुहूर्त: 23 अप्रैल 2024, शाम 4:20 बजे से 5:04 बजे तक

पूजा विधि

स्नान और शुद्धिकरण: प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें.
पूजा की वेदी स्थापित करें: पूजा स्थान को स्वच्छ कर, भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें.
आसन: पूजा के लिए पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके बैठें.
गणपति पूजन: पूजा की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा से करें.
नवग्रह पूजन: नवग्रहों की पूजा करें.
आचमन: अमृत या जल से आचमन करें.
स्नान: भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की प्रतिमाओं को जल, दूध, घी, शहद और पंचामृत से स्नान कराएं.
वस्त्र और आभूषण: भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी को वस्त्र और आभूषण अर्पित करें.
दीप प्रज्ज्वलन: घी या तेल का दीपक जलाएं.
धूप और नैवेद्य: धूप और नैवेद्य अर्पित करें.
मन्त्र जाप: भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी के मन्त्रों का जाप करें.
आरती: भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की आरती करें.
भोग: भगवान को भोग लगाएं.
प्रसाद वितरण: प्रसाद ग्रहण करें और लोगों को वितरित करें.
दक्षिणा: ब्राह्मणों को दक्षिणा दें.

Kamada Ekadashi 2024 पर करें ये विशेष उपाय, आर्थिक तंगी से मिलेगी मुक्ति, इस दिन केले के पेड़ की पूजा का है विशेष महत्व

चैत्र पूर्णिमा का महत्व

चैत्र पूर्णिमा को हिंदू नववर्ष की शुरुआत माना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की पूजा करने से सुख-समृद्धि और धन-धान्य की प्राप्ति होती है. पूर्णिमा के दिन व्रत रखने से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है. इस दिन दान-पुण्य करने से पुण्य की वृद्धि होती है.

चैत्र पूर्णिमा के दिन क्या करना चाहिए?

स्नान और दान: ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें और दान करें.
पूजा: भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की पूजा करें. कनकधारा स्तोत्र और मंत्रों का जाप करें.
व्रत: व्रत रखें और फल या सागरी भोजन का सेवन करें.
नया कार्य: कोई भी नया कार्य शुरू करने के लिए यह शुभ दिन माना जाता है.

चैत्र पूर्णिमा के दिन क्या नहीं करना चाहिए?

स्नान और दान: ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें और दान करें.
पूजा: भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की पूजा करें. कनकधारा स्तोत्र और मंत्रों का जाप करें.
व्रत: व्रत रखें और फल या सागरी भोजन का सेवन करें.
नया कार्य: कोई भी नया कार्य शुरू करने के लिए यह शुभ दिन माना जाता है.

मांस-मदिरा का सेवन: मांस, मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए.
बाल धोना: बाल धोना शुभ नहीं माना जाता है.

इन मंत्रों का करें जाप

ॐ नमोः नारायणाय

ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय

ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि

तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष , वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें