Bada Mangal 2025: ज्येष्ठ माह में श्रद्धा और विधि-विधान के साथ हनुमान जी की पूजा करने का विशेष महत्व है. इस पावन अवसर पर मंदिरों में दर्शन करें या जरूरतमंदों को दान दें, यह दोनों ही शुभ माने जाते हैं. श्रीराम और हनुमान जी के भक्तों के लिए बड़ा मंगल (या बुढ़वा मंगल) अत्यंत धार्मिक महत्व रखता है. इस दिन व्रत रखने और हनुमान जी की भक्ति भाव से पूजा करने से जीवन के तमाम संकट दूर हो जाते हैं. उनकी कृपा से न केवल कर्ज से मुक्ति मिलती है, बल्कि अन्य कई परेशानियां भी समाप्त हो जाती हैं. आइए, जानते हैं चौथे बड़ा मंगल की खास बातें और इससे जुड़ी धार्मिक मान्यताएं.
चौथा बड़ा मंगल कब है?
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर चौथा बड़ा मंगल पड़ रहा है. इसकी शुरुआत 02 जून को रात 08 बजकर 35 मिनट से हो चुकी है. इस तिथि का समापन रात 03 जून 09 बजकर 56 मिनट पर होने वाला है. ऐसे में 03 जून को बड़ा मंगल मनाया जा रहा है. बड़ा मंगल के अलावा इस दिन धूमावती जयंती और मासिक दुर्गाष्टमी भी है.
बड़ा मंगल पूजा विधि
- बड़ा मंगल के शुभ दिन प्रातः स्नान कर स्वच्छ लाल वस्त्र धारण करें और मन में हनुमान जी का ध्यान करें.
- इसके बाद पूजा स्थान या मंदिर की सफाई करें और पवित्रता के लिए गंगाजल का छिड़काव करें.
- एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर हनुमान जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. फिर हनुमान जी को लाल चोला अर्पित करें और पुष्प चढ़ाएं.
- इसके पश्चात पान, फल, बूंदी के लड्डू और मिठाई का भोग लगाएं. दीपक जलाकर पूरी श्रद्धा और भक्ति भाव से हनुमान जी की आरती करें. पूजा पूर्ण होने के बाद उपस्थित भक्तों में प्रसाद का वितरण करें.