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ज्योतिषीय समाधान: क्या कुंवारी कन्याओं को पर्फ़्यूम्स नहीं लगाने चाहिए ? जानें क्या कहते हैं सद्‌गुरु स्वामी आनंद जी

सद्‌गुरु स्वामी आनंद जी एक आधुनिक सन्यासी हैं, जो पाखंड के धुरविरोधी हैं और संपूर्ण विश्व में भारतीय आध्यात्म व दर्शन के तार्किक तथा वैज्ञानिक पक्ष को उजागर कर रहे हैं. सद्‌गुरुश्री के नाम से प्रख्यात कार्पोरेट सेक्टर से अध्यात्म में क़दम रखने वाले यह आध्यात्मिक गुरु नक्षत्रीय गणनाओं तथा गूढ़ विधाओं में पारंगत हैं […]

सद्‌गुरु स्वामी आनंद जी एक आधुनिक सन्यासी हैं, जो पाखंड के धुरविरोधी हैं और संपूर्ण विश्व में भारतीय आध्यात्म व दर्शन के तार्किक तथा वैज्ञानिक पक्ष को उजागर कर रहे हैं. सद्‌गुरुश्री के नाम से प्रख्यात कार्पोरेट सेक्टर से अध्यात्म में क़दम रखने वाले यह आध्यात्मिक गुरु नक्षत्रीय गणनाओं तथा गूढ़ विधाओं में पारंगत हैं तथा मनुष्य के आध्यात्मिक, सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक व्यवहार की गहरी पकड़ रखते हैं. आप भी इनसे अपनी समस्याओं को लेकर सवाल पूछ सकते हैं. इसके लिए आप इन समस्याओं के संबंध में लोगों के द्वारा किये गये सवाल के अंत में पता देख सकते हैं…

सवाल- मेरी शादी अभी तक नहीं हुई ही है , पर कामुक विचार बार-बार हावी हो जाते हैं, जिससे बाद में बहुत शर्म आती है. इससे छुटकारे का कोई उपाय है क्या ? इस कारण भविष्य को लेकर चिंतित हूं. विवाह भी नहीं हो रहा है.
जन्म तिथि- 11.07.1994, जन्म समय- 8.39 प्रातः, जन्म स्थान- हाजीपुर.
– श्रुति राय

जवाब- सदगुरु श्री कहते हैं कि आपकी राशि कर्क और लग्न सिंह है. सूर्य देव आपके लाभ भाव में बैठकर जहां आपको एक उत्तम योग नवाज़ रहे हैं, वहीं साथ में बुध की युति बुद्धादित्य योग बनाते हुए उज्जवल भविष्य का संकेत दे रही है. साथ में कर्म भाव का मंगल आपको कुल दीपिका योग से भी नवाज़ रहा है. परंतु लग्न में शुक्र लंगर डाल कर आपकी काम ऊर्जा को भी सक्रिय कर रहे हैं और आपके सप्तम भाव में शनि देव विराज कर आपके वैवाहिक जीवन के आग़ाज़ में पलीता लगाये हुए हैं. ग्रहयोगों के अनुसार मैं आपके कामुक विचार को असामान्य नहीं मानता. विचारों की ये दिशा विवाह के बाद स्वमेव छूमन्तर हो जायेगी. बेवजह शर्म ना करें. स्वयं को कार्य में व्यस्त रखें और यदि सम्भव हो तो अपनी शैक्षणिक या व्यावसायिक योग्यता के विस्तार का भी प्रयास करें. नित्य गुड़ मिश्रित दही के सेवन से और शनिवार को नेत्रहीनों की सेवा से लाभ होगा, ऐसा मैं नहीं, ज्योतिषिय उपायों की परम्परा कहती है.

सवाल- क्या पश्चिम का मुख्यद्वार अशुभ होता है. किसी ने बताया कि पश्चिम दिशा सूरज की ही नहीं हर किसी के लिए डूबने-डुबाने वाली दिशा है. मैं एक घर लेना चाहता हूं, जिसका मुख्यद्वार पश्चिम में है, उत्तर-पूर्व खुला हुआ है। क्या इसे लेना चाहिये.
– मंगला पाठक

जवाब- सदगुरुश्री कहते हैं कि मैं इस अनोखे मौलिक विचार से हैरत में हूं कि पश्चिम दिशा डूबने-डुबाने वाली दिशा है. बल्कि इसके उलट वास्तु में पश्चिम दिशा को अच्छा माना गया है. यह समृद्धि के साथ आराम और थोड़ा बहुत आराम से उपजे आलस्य को जन्म देने वाली मानी गयी है. वहीं ख़ुशहाल जीवन के लिये उत्तर और पूर्व दिशा का हल्का और खुला होना अतिशुभकारी है. दक्षिण-पश्चिम और पश्चिम दिशा को यथासम्भव बंद और भारी रखें और रसोईघर दक्षिण-पूर्व में बनायें। यह घर आनन्द दायक सिद्ध होगा.

सवाल- क्या कुंवारी कन्याओं को पर्फ़्यूम्स नहीं लगाने चाहिए? मेरी दादी कहती हैं कि इससे भूत पकड़ लेते हैं. क्या ये सत्य है? मुझे पर्फ़्यूम्स से डर लगने लगा है.
-स्तुति यादव

जवाब- नहीं, यह अवधारणा सच नहीं है. सदगुरुश्री कहते हैं कि यह एक कही सुनी और अज्ञानतावश से उपजी असत्य मान्यता है. भूत पकड़ लेते हैं, इस कथन में आशय स्पष्ट नहीं है. आध्यात्मिक मान्यताओं के अनुसार हम पांच तत्वों से निर्मित स्थूल शरीर में हैं. इस शरीर में प्रत्यक्ष लाभ और हानि प्रदान करने के लिए स्थूल शरीर की ही आवश्यकता है, जबकि भूतों की अवधारणा स्थूल शरीर से इतर शुरू होती है. इस सुनी-सुनाई बात का कोई वैज्ञानिक या आध्यात्मिक आधार नहीं है, जो पदार्थ मन-मस्तिष्क को मस्त कर दे, उसका कोई साइड इफेक्ट हो भी सकता है, ऐसा मुझे नहीं लगता। अतः इस बेमतलब के डर को त्याग दें.

सवाल- कौन से ग्रह की उपासना से पैसा आता है?
-रोहित ओझा

जवाब- सदगुरुश्री कहते हैं कि लगन के साथ सकारात्मक सोच, मीठी वाणी व सही दिशा में अनवरत सटीक कर्म ही आर्थिक संबल के लिए अनिवार्य शर्त है. कोई एक ग्रह अपनी उपासना करवा कर आपको मालामाल कर देगा, यह विचार पूरी तरह मिथ्या है. ज्योतिष में आर्थिक स्थिति के लिए कोई एक ग्रह ज़िम्मेदार नहीं है. मात्र संदर्भ के लिए कुंडली में भाग्येश, कर्मेश, लग्नेश और धनेश को आर्थिक स्थिति के लिए उत्तरदायी माना जाता है. आप चाहें,तो उन ग्रहों की उपासना कर सकते हैं, पर सनद रहे सही कर्म ही श्रेष्ठ भाग्य निर्मित करते हैं। उसका कोई विकल्प नहीं है.

सवाल- अगर हथेली की त्वचा हल्की पीली हो तो यह शुभ है या अशुभ?
-मनोज केडिया

जवाब- सदगुरुश्री कहते हैं कि सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार हथेली की त्वचा यदि हल्की पीली है, तो यह विपरीत लिंगियों की ओर बड़े खिंचाव का संकेत है. ऐसे लोग अपने जीवन में एक नहीं, कई कई बार एक तरफ़ा गहरे आकर्षण में पगलाए नज़र आते हैं. जिसका कई बार दाम्पत्य जीवन पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है.

(अगर आपके पास भी कोई ऐसी समस्या हो, जिसका आप तार्किक और वैज्ञानिक समाधान चाहते हों, तो कृपया प्रभात खबर के माध्यम से सद्‌गुरु स्वामी आनंद जी से सवाल पूछ सकते हैं. इसके लिए आपको बस इतना ही करना है कि आप अपने सवाल उन्हें सीधे [email protected] पर भेज सकते हैं. चुनिंदा प्रश्नों के उत्तर प्रकाशित किये जायेंगे. मेल में Subject में प्रभात ख़बर अवश्य लिखें.)

Prabhat Khabar Digital Desk
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