18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सुख और सौभाग्य का कारक ग्रह है गुरु

श्रीपति त्रिपाठी, ज्योतिषविद् चि कई बार मेहनत करने के बाद भी नौकरी या मनचाहा फल नहीं मिल पाता. घर में धन की कमी हमेशा बनी रहती है या लाख कोशिशों के बावजूद शादी-ब्याह में रुकावट आ रही हो, तो इन समस्याओं का कारण आपकी कुंडली में बैठा बृहस्पति हो सकता है. धर्मशास्त्रों और ज्योतिष ग्रंथों […]

श्रीपति त्रिपाठी, ज्योतिषविद्
चि कई बार मेहनत करने के बाद भी नौकरी या मनचाहा फल नहीं मिल पाता. घर में धन की कमी हमेशा बनी रहती है या लाख कोशिशों के बावजूद शादी-ब्याह में रुकावट आ रही हो, तो इन समस्याओं का कारण आपकी कुंडली में बैठा बृहस्पति हो सकता है.
धर्मशास्त्रों और ज्योतिष ग्रंथों में गुरु यानी बृहस्पति को शुभ देवता और ग्रह माना गया है. इनके शुभ प्रभाव से जहां एक ओर लंबी उम्र, मनचाही नौकरी और धन के साथ पिता का प्रेम और धर्म लाभ मिलता है, वहीं कन्या के जीवनसाथी का निर्णय करनेवाले भी देवगुरु बृहस्पति ही माने गये हैं. मगर कई बार किसी अशुभ या क्रूर ग्रह की वजह से आपको अपने किसी भी काम में जी तोड़ मेहनत करने के बाद भी सफलता नहीं मिल पाती है, तो इसके अन्य कारण हो सकते हैं.
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार शुभ ग्रह होने के बावजूद गुरु हमेशा शुभ फल नहीं देते, बल्कि अशुभ ग्रहों के प्रभाव में आने पर नौकरी या कारोबार में परेशानी, माता-पिता से विवाद और कन्या के विवाह में दिक्कतें देते हैं.
गुरु दोष के बुरे असर से बचने के लिए कुछ धार्मिक उपाय बताये गये हैं. इनसे गुरु को अनुकूल बनाया जा सकता है. शुक्र भी विवाह का मुख्य कारक ग्रह : कुंडली में अगर बृहस्पति देव अशुभ प्रभाव डाल रहे हैं, तो आपके हर काम में रुकावट आती है. इन सभी के अलावा महादशा भी विवाह की घटना तय करने में एक बहुत ही महत्वपूर्ण कारक है. दशा पैटर्न में बृहस्पति की किसी भी भूमिका को (महादशा प्रभु, अंतर दशा प्रभु या प्रत्यंतर दशा भगवान के रूप में) विवाह को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है.
सप्तम प्रभु की भूमिका भी विवाह को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है. राहु महादशा भी विवाह की घटना तय करने में एक बहुत ही महत्वपूर्ण कारक है.
राहु हस्तक्षेप भी विवाह के लिए कारक माना जाता है. जबकि शुक्र ग्रह शादी का मुख्य कारक है और यह भी विवाह को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है. दरअसल, शुक्र को पुरुष के लिए और गुरु को स्त्री के लिए विवाह का कारक माना जाता है. वहीं प्रश्न मार्ग में स्त्रियों के विवाह का कारक ग्रह शनि होता है. कुंडली पर विचार कर ग्रहों को प्रसन्न किया जा सकता है.
शांति उपाय से दूर होंगे गुरु दोष
अगर आपकी कुंडली में गुरु दोष है, तो उसकी शांति के उपाय कर उसे अनुकूल कर सकते हैं. आपके सभी काम बनने लगेंगे. गुरुवार का दिन देवगुरु बृहस्पति को समर्पित है. इनकी कृपा से धन-समृद्धि, पुत्र और शिक्षा की प्राप्ति होती है. पीला रंग और पीली वस्तुएं इनको बहुत प्रिय हैं.
बृहस्पतिवार के दिन पीले वस्त्र पहनने, पीली वस्तुओं का दान करने और घर पर पीले पकवान बनाने से यह बहुत प्रसन्न होते हैं. इस दिन उपवास रखें. पीले वस्त्र पहनकर केले के वृक्ष को पीले रंग की वस्तुएं अर्पित कर पूजन करें. उपरांत कथा सुनें और आरती करें. समस्या दूर होती हैं और व्यक्ति के अंदर आध्यात्मिक भावना पैदा होगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें