21.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Tulsi Vivah 2025: आज या कल 2 नवंबर को है तुलसी विवाह, जानें किस तरीके से करें पूजा

Tulsi Vivah Ekadashi 2025: देवउठनी एकादशी, जिसे प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है, इस बार 1 या 2 नवंबर 2025 को मनाई जाएगी, इसके बारे में हम सटीक जानकारी लेकर आए हैं. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागते हैं और चार महीने बाद शुभ कार्यों की शुरुआत होती है. जानें इस दिन पूजा का सही तरीका.

Tulsi Vivah 2025: हर साल कार्तिक माह की देवउठनी एकादशी या प्रबोधिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता तुलसी का विवाह धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन को तुलसी विवाह कहा जाता है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं और गोधूली बेला में तुलसी जी के साथ उनका शुभ विवाह संपन्न होता है. लेकिन इस बार 2025 में तुलसी विवाह की तारीख को लेकर कुछ खास स्थिति बन रही है.

क्यों नहीं होगा तुलसी विवाह 1 नवंबर को?

इस साल देवउठनी एकादशी 1 नवंबर 2025, शनिवार को पड़ रही है. इस दिन व्रत और पूजन तो किया जाएगा, लेकिन संध्या के समय भद्रा काल रहने के कारण तुलसी विवाह उस शाम को करना शुभ नहीं माना गया है. भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य, खासकर विवाह संस्कार, वर्जित माने जाते हैं. इसलिए तुलसी विवाह उसी दिन नहीं, बल्कि अगले शुभ मुहूर्त यानी 2 नवंबर को किया जाएगा.

तुलसी विवाह की सही तिथि और अवधि

पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि 1 नवंबर की सुबह 9:12 बजे से शुरू होकर 2 नवंबर की सुबह 7:31 बजे तक रहेगी. शास्त्रों में तुलसी विवाह द्वादशी तिथि में करने का नियम है. इसलिए इस बार तुलसी विवाह 2 नवंबर 2025, रविवार को किया जाएगा. हालांकि, तुलसी विवाह केवल एक दिन तक सीमित नहीं है. परंपरा के अनुसार, एकादशी से लेकर पूर्णिमा (5 नवंबर) तक तुलसी विवाह का आयोजन किया जा सकता है.

ये भी देखें:  तुलसी विवाह में इन पूजन सामग्रियों की होगी जरूरत, देखें लिस्ट

2025 में तुलसी विवाह की संभावित तिथियां

  • 1 नवंबर (शनिवार) – देवउठनी एकादशी, व्रत और पूजन
  • 2 नवंबर (रविवार) – तुलसी विवाह का प्रमुख दिन (द्वादशी तिथि)
  • 3 नवंबर (सोमवार) – त्रयोदशी
  • 4 नवंबर (मंगलवार) – चतुर्दशी (बैकुंठ चतुर्दशी)
  • 5 नवंबर (बुधवार) – कार्तिक पूर्णिमा

तुलसी विवाह की पूजन विधि (सरल तरीके से)

  • सबसे पहले घर को साफ-सुथरा करें और खुद पीले वस्त्र पहनें.
  • घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाएं – यह शुभता का प्रतीक है.
  • एक लाल कपड़े और फूलों से छोटा सा मंडप तैयार करें, जैसे विवाह स्थल होता है.
  • मंडप को फूलों, आम के पत्तों और केले के तनों से सजाएं.
  • तुलसी के पौधे को मंडप में रखें और पास में भगवान शालिग्राम की स्थापना करें.
  • शालिग्राम जी को नए वस्त्र पहनाएं और तुलसी माता को लाल चुनरी ओढ़ाएं.
  • दोनों को फूलों की माला पहनाएं और प्रतीकात्मक रूप से सात फेरे कराएं.
  • परिवार के साथ फूलों की वर्षा करें और घर की सुख-समृद्धि की कामना करें.
  • अंत में आरती करें, मिठाई और मौसमी फलों का भोग लगाएं, फिर प्रसाद सबमें बांटें.
Shaurya Punj
Shaurya Punj
रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से मास कम्युनिकेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद मैंने डिजिटल मीडिया में 14 वर्षों से अधिक समय तक काम करने का अनुभव हासिल किया है. धर्म और ज्योतिष मेरे प्रमुख विषय रहे हैं, जिन पर लेखन मेरी विशेषता है. हस्तरेखा शास्त्र, राशियों के स्वभाव और गुणों से जुड़ी सामग्री तैयार करने में मेरी सक्रिय भागीदारी रही है. इसके अतिरिक्त, एंटरटेनमेंट, लाइफस्टाइल और शिक्षा जैसे विषयों पर भी मैंने गहराई से काम किया है. 📩 संपर्क : [email protected]

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel