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राज्यसभा ने भोगता समुदाय को ST में शामिल करने संबंधी विधेयक को दी मंजूरी, अर्जुन मुंडा ने पेश की विधेयक

jharkhand news: राज्यसभा ने भोगता समुदाय को ST में शामिल करने संबंधी विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी है. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की ओर से पेश विधेयक को चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित किया. इस विधेयक के पारित होते ही झारखंड के मंत्री सत्यानंद भोक्ता के चतरा सीट से चुनाव लड़ने पर संशय होने लगा है.

Jharkhand news: राज्यसभा ने बुधवार को झारखंड में भोगता समुदाय को अनुसूचित जाति (Scheduled Caste-SC) की सूची से हटाकर अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribe- ST) सूची में डालने तथा कुछ अन्य समुदायों को ST सूची में शामिल करने से संबंधित विधेयक को मंजूरी दे दी है. उच्च सदन ने केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा द्वारा पेश किये गये संविधान (अनुसूचित जातियां और अनुसूचित जनजातियां) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2022 को चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया. इससे पहले विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार जनजातीय वर्ग के मुद्दों पर संवदेनशीलता के साथ काम कर रही है.

मंत्री सत्यानंद भोक्ता के लिए बढ़ी परेशानी

इस विधेयक के पारित होने से अब राज्य के मंत्री सह चतरा विधायक सत्यानंद भोक्ता के लिए परेशानी बढ़ गयी है. अब मंत्री सत्यानंद भोक्ता चतरा से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. चतरा अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीट है. वहीं, इस विधेयक के पारित होते ही मंत्री सत्यानंद भोक्ता अब अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में आएंगे. ऐसे में चतरा सीट से चुनाव लड़ने में उन्हें परेशानी होगी. अब उन्हें दूसरा विधानसभा सीट देखना पड़ सकता है. वर्तमान सरकार में राजद कोटे से मंत्री सत्यानंद भोक्ता की सीट चतरा है. इस सीट से सत्यानंद भोक्ता तीन बार विधायक बन चुके हैं. भोगता जाति को ST में शामिल कर लिए जाने के बाद सत्यानंद भोक्ता एससी के लिए आरक्षित चतरा सीट से चुनाव नहीं लड़ पायेंगे.

छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों के प्रस्तावों पर हो रहा विचार

राज्यसभा में चर्चा के दौरान मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि जिन सदस्यों ने अपने राज्यों की जिन जनजातियों को अनूसूचित जाति में शामिल कराने के मुद्दे उठाये हैं, सरकार उन पर गंभीरता और ईमानदारी से काम कर रही है. भारत के रजिस्ट्रार जनरल के मंतव्य एवं अनुशंसा से ही इन जनजातियों को अनुसूचित किया जाता है. कहा कि छत्तीसगढ़ सहित विभिन्न राज्यों के प्रस्तावों पर केंद्र सरकार काम कर रही है. जनजातीय मंत्री ने कहा कि सरकार अनुसूचित जनजाति के लोगों की शिक्षा, आवास और स्वास्थ्य के लिए कई योजनाएं चला रही है और बजट में इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है.

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विधेयक में क्या है प्रावधान

विधेयक में झारखंड राज्य में अनुसूचित जातियों की सूची में से भोगता समुदाय को हटाने के लिए संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश, 1950 तथा अनुसूचित जनजातियों की सूचियों में कुछ समुदायों को शामिल करने के लिए संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश 1950 में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है. विधेयक में प्रावधान है कि संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश 1950 के भाग 12 की प्रविष्टि 16 में भोगता, देशवारी, गंझू, दौलतबंदी (द्ववालबंदी), राउत माझिया खैरी (खेरी) समुदाय को शामिल किया जाये. विधेयक में उक्त भाग की प्रविष्टि 24 में तमरिया (तमड़िया) और प्रविष्टि 32 में पुरान समुदाय को शामिल करने का प्रस्ताव है.

Posted By: Samir Ranjan.

Prabhat Khabar Digital Desk
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