21.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

‘सट्टा मटका’ नहीं झारखंड में यह खेल है प्रचलित, दक्षिण भारत से मंगाये जाते हैं…

धनबाद में मुर्गा लड़ाई के आयोजन के लिए जोर शोर तैयारी की जा रही है. रेलवे के पार्सल से बुक कर इसे जिला लाया जा रहा है. इसके लिए खास तौर से दक्षिण भारत से लड़ाकू नस्ल के मुर्गे मंगवाये जा रहे हैं.

आपने देश दुनिया के कई हिस्सों में दो सांड़ों के बीच की लड़ाई जरूर देखी होगी, कई बार हम इस खेल को फिल्मों के पर्दे पर भी देखते हैं. कई जगहों पर भारत में प्रतिबंधित अवैध खेल सट्टा मटका खेले जाने की भी खबर आती रहती है. लेकिन, झारखंड में सट्टा मटका के बजाय एक अन्य खेल काफी प्रचलित है, और आज हम उसी खेल के बारे में आपको जानकारी साझा करेंगे. जो राज्य भर में मुर्गा लड़ाई के नाम से काफी प्रसिद्ध है. हालांकि, अदालत ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत इस पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके बावजूद झारखंड में आज भी इस खेल को बेहद उत्साह से लोग देखते हैं. अब लोग इस खेल को जुआ या सट्टे के रूप में लगाते हैं. पहले ये सिर्फ लोगों के लिए एक मनोरंजन का जरिया था.

इस बार धनबाद में इसके आयोजन के लिए जोर शोर तैयारी की जा रही है. रेलवे के पार्सल से बुक कर इसे जिला लाया जा रहा है. इसके लिए खास तौर से दक्षिण भारत से लड़ाकू नस्ल के मुर्गे मंगवाये जा रहे हैं. बुधवार को भी एलेप्पी एक्सप्रेस से तीन मुर्गे उतारे गये. उन्हें अलग-अलग टोकरी में पैक कर भेजा गया. तीन दिन व दो रात का सफर पूरा कर मुर्गे धनबाद स्टेशन पहुंचे.

पांच से 20 हजार तक का एक मुर्गा :

पार्सल से मंगवाए गए तीन मुर्गों में एक पांच हजार, एक 15 हजार और एक 20 हजार रुपये में खरीदा गया है. कोई मुर्गा एक तो कोई दो से तीन फीट का था. रेलवे में एक का वजन 40 किलो दर्ज किया गया है. हालांकि इस वजन में पैकिंग भी शामिल है.

लाखों का लगता है दांव : मुर्गा लड़ाई दुनिया भर के अलग-अलग देशों में एक खास शगल है. इसकी परंपरा काफी पुरानी है. क्रेज इतना कि हर दांव में लाखों रुपए लगते हैं. मुर्गा लड़ाई का कोई खास सीजन नहीं हैं. यहां के गांवों में लगने वाले साप्ताहिक बाजारों में मुर्गे लड़ाए जाते है. वहीं खुले मैदान में इस लड़ाई का आयोजन होता है. लोग घेरा बना कर इसका लुत्फ उठाते हैं.

कैसे होती है लड़ाई

इस खेल की शुरूआत एक खुले मैदान में होती है. ये लड़ाई राउंड-राउंड चलती है. एक राउंड अमूमन सात से 10 मिनट को होता है. लड़ाई शुरू होने से पहले ही सट्टेबाज मुर्गे को लेकर चारों ओर घूमते है और लोगों को अपने पसंदीदा मुर्गे पर दांव लगाने के लिए उकसाते हैं. लड़ाई शुरू होने से पहले ही सभी मुर्गे पर दांव लगा दिया जाता है. एक बार में हजारों रुपये के दांव लगते हैं.

मुर्गे को उकसाने के लिए उस मुर्गे का मालिक एक खास तरह की आवाज निकालता है, जिससे वो मुर्गा और खतरनाक हो जाता है. लड़ाई के लिए तैयार मुर्गे के एक पैर में एक खास तरह का हथियार बांधा जाता है. ऐसा नहीं है कि उसके पैर में कोई भी व्यक्ति उस हथियार को कैसे भी बांध सकता है. इसे बांधने के लिए भी कला की जरूरत होती है. उस कला में निपुण व्यक्ति ही यह काम कर सकता है.

Disclaimer: इस खबर को प्रभात खबर प्रोत्साहित नहीं करता है. साथ ही यह खेल झारखंड राज्य में पूरी तरह बैन है. कृपया इस खेल का हिस्सा बनने से बचे.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel