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Mughal Harem Stories : मुगल काल में औरतों को निजी संपत्ति मान कठोर पर्दे में रखते थे बादशाह, नियम तोड़ने पर मिलती थी मौत

Mughal Harem Stories : मुगल बादशाह अपनी औरतों को लेकर बहुत ही पजेसिव (Possessive) होते थे, भले ही उन्होंने अपने प्यार को दर्शाने के लिए ताजमहल बनवाया. अकबर के काल में तो हरम की दीवारें इतनी ऊंची कर दी गईं कि रानियां हरम से बाहर झांक तक ना सकें और ना ही किसी बाहरी व्यक्ति की नजर हरम तक पहुंच सके. हरम के नियमों को तोड़ने पर मौत की सजा तक का प्रावधान किया गया था.

Mughal Harem Stories : मुगल काल के बादशाह अपनी हरम में हजारों महिलाओं को रखते थे, जो उनकी निजी संपत्ति की तरह थीं. वे अपनी इच्छा से कुछ नहीं कर पाती थीं. अकबर के हरम में महिलाओं को कठोर पर्दे में रखा जाता था और उनका बाहरी या किसी भी अन्य पुरुष से संपर्क नहीं होता था. बादशाह और राजकुमार तो अपनी इच्छा से महिलाओं का चयन कर उनके साथ सुख तलाश लेते थे, लेकिन औरतों को नियंत्रण में रखा जाता था. बावजूद इसके जब बादशाह अपने राजकाज में व्यस्त रहते थे, तो हरम की महिलाएं गुपचुप तरीके से ही सही, अपने लिए सुख तलाश लेती थीं.

हरम के नियम तोड़ने पर औरतों को मिलती थी मौत

हरम की दीवारें इतनी ऊंची बनाई जाती थीं कि उनमें रहने वाली महिलाएं बाहर न देख सकें और ना ही कोई अजनबी अंदर झांक सके. कमरों के दरवाजे बाहर से बंद कर दिए जाते थे और हरम में रहने वालों पर निगरानी रखने का पूरा ध्यान रखा जाता था. महिलाओं की पवित्रता पर बहुत जोर दिया जाता था, इसलिए उन्हें पर्दे में रखा जाता था. इतिहासकार भी जब मुगलकालीन महिलाओं का जिक्र करते हैं, तो उनके नाम के आगे पवित्र और पाक जैसे शब्दों का उल्लेख करते हैं. इतिहासकार किशोरी शरण लाल अपनी किताब The Mughal Harem में लिखते हैं कि पवित्रता का नियम तोड़ने वाली औरतों को भाइयों द्वारा कठोरतम दंड दिया जाता था. कभी-कभार यह दंड मृत्युदंड भी हो सकता था. सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि उन्हें यह बताया भी नहीं जाता था कि उन्हें किस बात की सजा दी जा रही है और क्यों दी जा रही है.

Mughal Harem Stories : बंगाली महिलाओं के दीवाने थे मुगल बादशाह, उन्हें हरम में रखने के लिए रहते थे लालायित

तमाम निगरानी के बावजूद महिलाएं अपने प्रेमियों को हरम में बुला लेती थीं

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Mughal harem stories : मुगल काल में औरतों को निजी संपत्ति मान कठोर पर्दे में रखते थे बादशाह, नियम तोड़ने पर मिलती थी मौत 3


हरम में महिलाओं पर जितने प्रतिबंध लगाए जाते थे, उनका रुख उतना ही बागी होता जाता था. बादशाह वहां अपने सुख तलाशने आते थे, लेकिन औरतें हमेशा वहां रहती थीं. यही वजह थी कि वे अपने लिए तमाम बंदिशों के बावजूद सुख तलाश लेती थीं, फिर चाहे उसके लिए साजिश करनी पड़े या सहयोग. राजकुमारियां अपनी दासियों के सहयोग से जो उनके वफादार होती थीं, अपने प्रेमियों को हरम में बुला लेती थीं. हरम की शीर्ष महिलाएं भी अपना सुख तलाशने के लिए इसी तरह के हथकंडे अपनाती थीं. जो औरतें कम महत्वपूर्ण थीं, उनके लिए यह काम और भी आसान होता था, वे रात के अंधेरे का फायदा उठाकर अपने प्रेमियों से मिलती थीं. मुगल काल में रातें खौफनाक होती थीं, क्योंकि उस वक्त बिजली नहीं होती थी और ना ही मिट्टी का तेल होता था, जिससे लालटेन या लैंप जलाया जाए.

कुछ युवक जो रईस घरानों से होते थे, वे नियमित तौर पर गुपचुप तरीके से हरम आते थे

हरम की सुरक्षा में तैनात किन्नर हमेशा पुरुषों को हरम में लाने का जरिया बनते थे. कई पुरुष ऐसे भी होते थे, जिनका हरम में जन्म हुआ होता था. उनका बचपन वहीं बीता होता था, बड़े होने पर उन्हें हरम में प्रवेश से रोका जाता था, बावजूद इसके पूरी तरह पाबंदी नहीं थी. वे महिलाओं के पसंदीदा भी होते थे, इस वजह से वे वहां आसानी से प्रवेश पा जाते थे. कई बार कम उम्र लड़कों के साथ भी हरम की औरतें प्यार कर बैठती थीं. जब ये राजकुमारियां इन लड़कों को हरम में आने का निमंत्रण भेजती थीं, तो वे जान पर खेलकर भी आ जाते थे.

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Mughal Harem Stories :  मुगल हरम की औरतों ने मौत की परवाह किए बिना रात के अंधेरे में प्रेम को दिया अंजाम

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Rajneesh Anand
Rajneesh Anand
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक. प्रिंट एवं डिजिटल मीडिया में 20 वर्षों से अधिक का अनुभव. राजनीति,सामाजिक मुद्दे, इतिहास, खेल और महिला संबंधी विषयों पर गहन लेखन किया है. तथ्यपरक रिपोर्टिंग और विश्लेषणात्मक लेखन में रुचि. IM4Change, झारखंड सरकार तथा सेव द चिल्ड्रन के फेलो के रूप में कार्य किया है. पत्रकारिता के प्रति जुनून है.

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