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Most Poisonous Snake : झारखंड में पाए जाने वाले 30 सांप में से 6 खतरनाक, इनके काटने से होती है मौत

Most Poisonous Snake : झारखंड में 30 से अधिक प्रजातियां सांपों की पाई जाती है. इनमें से केवल छह सांप के ही काटने से मौत होने के चांस रहते हैं. भगवान बिरसा जैविक उद्यान के वरिष्ठ जीव वैज्ञानिक विवेकानंद कुमार और विवेक शर्मा (को-फाउंडर इंडियन स्नैक्स) ने सांप से जुड़ी कई बातें साझा की. जानें सांप के काटने के बाद क्या करना चाहिए?

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Most Poisonous Snake : झारखंड में सांपों की 30 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं, लेकिन इनमें से सभी जहरीले नहीं होते. केवल छह सांप ही जहरीले हैं, जिनके काटने से मृत्यु हो सकती है. इन जहरीले सांपों के नाम हैं: 1. नाग, 2. करैत, 3. रसेल वाइपर, 4. बैंडेड करैत, 5. बैम्बू पिट वाइपर और 6. सालाजार पिट वाइपर. झारखंड में नाग, करैत और रसेल वाइपर के काटने से अधिकतर मौतें होती हैं, जबकि बैंडेड करैत, बैम्बू पिट वाइपर और सालाजार पिट वाइपर के काटने के मामले बेहद कम हैं.

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Most poisonous snake : झारखंड में पाए जाने वाले 30 सांप में से 6 खतरनाक, इनके काटने से होती है मौत 4

नाग को काबू में करते विवेकानंद कुमार

चालाक होते हैं बैंडेड करैत, बैम्बू पिट वाइपर और सालाजार पिट वाइपर

बैंडेड करैत, बैम्बू पिट वाइपर और सालाजार पिट वाइपर बहुत ही सतर्क और चतुर सांप हैं. भगवान बिरसा जैविक उद्यान के वरिष्ठ जीव वैज्ञानिक विवेकानंद कुमार ने बताया कि ये अपना जहर व्यर्थ नहीं करते क्योंकि जहर इनके लिए शिकार का महत्वपूर्ण साधन है. ये उतना ही जहर छोड़ते हैं जितना शिकार को बेहोश या मारने के लिए जरूरी होता है, ताकि ये आराम से उसे खा सकें. झारखंड के लगभग सभी इलाकों में इन सांपों की उपस्थिति देखी जा सकती है. नाग, करैत और रसेल वाइपर लगभग हर जगह पाए जाते हैं.

झारखंड में हर साल सांप के काटने से कितनी होती है मौत?

झारखंड में हर साल सांप के काटने से लगभग 1,000 लोगों की मृत्यु हो रही है. विवेकानंद ने रिम्स की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि यह आंकड़ा वर्ष 2020 का है. उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल मेडिकल डिपार्टमेंट का डेटा है, जबकि ग्रामीण इलाकों में कई मामले रिपोर्ट नहीं होते और झाड़–फूंक के कारण दब जाते हैं. पूरे भारत में हर साल करीब 60,000 लोगों की मौत सांप के काटने से होती है. इसका उल्लेख प्रसिद्ध सर्प विशेषज्ञ रोमुलस व्हिटेकर की रिपोर्ट में किया गया है.

नाग, करैत और  रसेल वाइपर झारखंड के लगभग हर जिले में पाए जाते हैं

नाग,  करैत और  रसेल वाइपर झारखंड में करीब हर जगह पाए जाते हैं. यह बात विवेक शर्मा (को-फाउंडर इंडियन स्नैक्स) ने कही. उन्होंने कहा कि मैं तीन से चार बार झारखंड आ चुका हूं. कॉमन करैत से मौत के मामले ज्यादा आते हैं. बारिश के वक्त इसके काटने के मामले ज्यादा आते हैं. धान की कटाई के मौसम में रसेल वाइपर के काटने के मामले ज्यादा आते हैं. देश में सांप को लेकर कोई डाटा मौजूद नहीं हैं. कभी–कभी लोग अपने जिले में ज्यादा सांप होने का दावा करते हैं, लेकिन सच बताऊं तो झारखंड में सांपों पर स्टडी बहुत कम हुआ है. झारखंड में सांपों की डायवर्सिटी अच्छी है.

सांप काटने पर कहां–कहां इलाज होता है?

विवेक शर्मा ने बताया कि सांप काटने पर सरकारी जिला अस्पताल में इलाज तो होता ही है. साथ ही, मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भी सांप काटने के बाद इलाज किया जाता है. हर राज्य की राजधानी में ऐसे अस्पताल आपको मिल जाएंगे. इसके अलावा बड़े शहरों में भी ये अस्पताल उपलब्ध होते हैं. सरकारी मेडिकल कॉलेज में सांप काटने का इलाज किया जाता है.

आस–पास सांप दिखे तो क्या करें?

आज-कल लोग यू–ट्यूब में वीडियो अपलोड करने के चक्कर में स्नैक एक्सपर्ट बन जाते हैं. विवेक शर्मा ने बताया कि ऐसा नहीं करना चाहिए. सांप जहरीला हो या न हो, उसके साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए. सांप दिखें तो उसे पकड़ने की कोशिश न करें. घर में या कहीं भी सांप दिखे तो उसे आप जाने का रास्ता दें. यदि ऐसा करने में समर्थ नहीं हैं तो सांप रेस्क्यू करने वाले को बुलाएं. वो उसे पकड़कर जंगल में छोड़ देगा. सांप को मारना समस्या का समाधान नहीं होता है.

झाड़–फूंक पर लोगों का भरोसा क्यों?

सांप के काटने के बाद लोग अक्सर झाड़–फूंक करवाने पहुंच जाते हैं. जीव वैज्ञानिक विवेकानंद ने बताया कि जब कोई बिना जहर वाला सांप काटता है और ओझा झाड़–फूंक करता है, तो व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं होता. इससे लोगों को लगता है कि तांत्रिक ने उनकी जान बचा ली. यह भ्रम इसलिए होता है क्योंकि लोग मानते हैं कि सभी सांप जहरीले होते हैं. जिससे लोगों का भरोसा झाड़–फूंक पर बढ़ जाता है. लेकिन जब जहरीला सांप काटता है, तो झाड़–फूंक से जान नहीं बचाई जा सकती. सांप के काटने का एकमात्र प्रभावी इलाज एंटीवेनम का इंजेक्शन है, जो मरीज की जान बचा सकता है.

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स्नेक कैचर रमेश नाग सांप को काबू में करते हुए

केस स्टडी 1 : स्नेक कैचर रमेश ने बताया कि साल 2024 के नवंबर का महीना था. पिठोरिया में धान के खेत में एक लड़की को सांप ने काट लिया. दोपहर के 1 बजे लड़की को सांप ने काटा. उसके बाद परिजन 4 बजे तक झाड़ फूंक करवाते रहे. उन्होंने कहा कि जब मुझे इसकी जानकारी मिली तो मैंने रिम्स में सपर्क करके बच्ची को इलाज के लिए भेजा, लेकिन देर होने के कारण उसे बचाया नहीं जा सका. वह 14 या 15 साल की लड़की थी. रसेल वाइपर के काटने से उसकी मौत हो गई.

केस स्टडी 2 : स्नेक कैचर रमेश ने एक अन्य केस का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि ओरमांझी के मदनपुर में एक 55 साल के व्यक्ति शिवचरण गोप को रसेल वाइपर ने काट लिया. इसकी जानकारी जैसे ही मुझे मिली. मैंने तुरंत उन्हें रिम्स में इलाज करवाने को कहा. उन्होंने मेरी बात मानी. वे झाड़–फू्ंक करवाने की बजाए, मेरी बात मानकर इलाज करवाने रिम्स गए. आज वे अच्छे हैं. उन्हें किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं है. यह मामला साल 2023 का है.

जहर वाले सांप के काटने पर क्या लक्षण आते हैं नजर?

विवेकानंद कुमार ने बताया कि नाग और करैत सांप के काटने पर चक्कर आता है. सांप के काटने के बाद आंख पलटना शुरू हो जाता है. आंख कब पलटना शुरू होगा ये सांप ने जहर कितना बॉडी में डाला है, इसपर निर्भर करता है. कभी आधे घंटे में ही ये नजर आता है तो कभी कुछ अधिक का वक्त लग जाता है. इन सांप के काटने पर सूजन नहीं होता है. लोग यदि काटने वाली जगह पर रस्सी बांधते हैं तो सूजन आ जाता है. उन्होंने बताया कि रसेल वाइपर के काटने पर सूजन होती है और आंख लाल हो जाता है.

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