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50 Years of Emergency : बिहार के योग गुरु धीरेंद्र ब्रह्मचारी, जो इमरजेंसी में थे इंदिरा गांधी के खास सलाहकार

Indira Gandhi and Dhirendra Brahmachari : बिहार का एक मैथिल ब्राह्मण योग गुरु जिसका पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर इतना प्रभाव था कि वह राजनीतिक फैसलों को बदल देता था. संजय गांधी की मौत जिस विमान दुर्घटना में हुई थी वह विमान भी उसी योग गुरू का था, नाम था उसका धीरेंद्र ब्रह्मचारी. 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लागू किया गया था, यही वजह है कि जून का महीना शुरू होते ही उस काल से जुड़े किस्से आम हो जाते हैं.

Indira Gandhi and Dhirendra Brahmachari : भारत की सबसे ताकतवार प्रधानमंत्रियों की लिस्ट में शामिल इंदिरा गांधी के नाम जहां कई रिकाॅर्ड दर्ज हैं, वहीं उनके साथ कई विवाद भी जुड़े हैं. इन विवादों में एक है योग गुरु धीरेंद्र ब्रह्मचारी के साथ उनके करीबी रिश्ते. धीरेंद्र ब्रह्मचारी पंडित नेहरू का योग गुरू था, इसी वजह से उसके रिश्ते इंदिरा गांधी के साथ भी बन गए थे. धीरेंद्र ब्रह्मचारी का व्यक्तित्व काफी आकर्षक था और इंदिरा गांधी उसके प्रभाव में भी थीं. इंदिरा गांधी के जीवन पर लिखी गई कई किताबों में इस बात का जिक्र मिलता है कि धीरेंद्र ब्रह्मचारी की इंदिरा गांधी से नजदीकियां बहुत अधिक थीं.

कौन था धीरेंद्र ब्रह्मचारी?

धीरेंद्र ब्रह्मचारी बिहार के मधुबनी जिले के रहने वाले थे. उनका जन्म 12 फरवरी 1924 को हुआ था. वे एक मैथिल ब्राह्मण परिवार से आते थे. धीरेंद्र ब्रह्मचारी के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने 13 साल की उम्र में अपना घर त्याग दिया था और वाराणसी आ गए थे. उनके गुरु महर्षि कार्तिकेय थे जिनका आश्रम लखनऊ से लगभग बारह मील दूर गोपाल-खेड़ा में था. यहीं पर धीरेंद्र ब्रह्मचारी ने योग और संबंधित विषयों का अध्ययन किया. 1960 के दशक में उन्हें सोवियत अंतरिक्ष यात्रियों को हठ योग सिखाने के लिए आमंत्रित किया गया था. इसके बाद जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें अपनी बेटी इंदिरा गांधी योग सिखाने के लिए आमंत्रित किया और इस तरह धीरेंद्र ब्रह्मचारी का संपर्क इंदिरा गांधी से हुआ. कहते हैं कि धीरेंद्र ब्रह्मचारी का इंदिरा गांधी पर गहरा प्रभाव था और धीरेंद्र ब्रह्मचारी जो कह देते थे उससे इंदिरा गांधी इनकार नहीं करती थीं. 25 जून 1975 को जब इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाया तो संजय गांधी के अलावा दूसरे शख्स धीरेंद्र ब्रह्मचारी ही थे, जिनका इंदिरा गांधी के फैसलों पर असर रहता था.

धीरेंद्र ब्रह्मचारी और इंदिरा गांधी के रिश्ते का गहरापन

Indira Gandhi And Dhirendra Brahmachari
इंदिरा गांधी और धीरेंद्र ब्रह्मचारी

धीरेंद्र ब्रह्मचारी और इंदिरा गांधी के रिश्तों का गहरापन इस तरह से समझा जा सकता है कि उसके प्रभाव में कैबिनेट के मंत्री तय किए जाते थे और उनसे अनबन होने पर मंत्रियों के पद तक छीने जा सकते थे और नौकरशाहों का एक मिनट में ट्रांसफर हो जाता था. कैथरीन फ्रैंक की किताब Indira: The Life of Indira Nehru Gandhi में इंदिरा गांधी और उनके योग गुरु धीरेंद्र ब्रह्मचारी के संबंधों पर विस्तार से चर्चा की गई है. यह संबंध इतना गहरा था कि उन्हें ‘भारत का रासपुतिन’ कहा जाने लगा था. ग्रिगोरी येफीमोविच रासपुतिन (Grigori Yefimovich Rasputin) रूस का एक रहस्यमयी, धार्मिक और राजनीतिक रूप से प्रभावशाली व्यक्ति था, जो जार निकोलस द्वितीय और उनकी पत्नी एलेक्जेंड्रा के बहुत निकट आ गया था. एलेक्जेंड्रा पर उसके प्रभाव की वजह से उसका राजनीतिक फैसलों पर भी असर दिखता था, जबकि वह औपचारिक राजनेता नहीं था. कुछ ऐसी ही स्थिति धीरेंद्र ब्रह्मचारी की भी थी.

इंदिरा गांधी ने धीरेंद्र ब्रह्मचारी के बारे में अपनी दोस्त को लिखा था पत्र

Indira Gandhi, letters to an American friend में भी इस बात के प्रमाण मिलते हैं कि इंदिरा गांधी और धीरेंद्र ब्रह्मचारी के रिश्ते काफी करीबी थे. इंदिरा गांधी ने अपनी अमेरिकी मित्र डोरोथी नॉर्मन को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने यह बताया था कि उन्होंने योग सीखना शुरू किया है और एक अत्यंत सुंदर योगी उन्हें योग सिखाते हैं, हालांकि इस पत्र में इंदिरा गांधी ने धीरेंद्र ब्रह्मचारी के बारे में यह लिखा है कि उनसे बात करना बहुत मुश्किल है क्यों वह अव्वल दर्जे का अंधविश्वासी आदमी है. इंदिरा गांधी और धीरेंद्र ब्रह्मचारी के रिश्तों के बारे में खुशवंत सिंह ने लिखा है कि धीरेंद्र ब्रह्मचारी का प्रभाव बहुत अधिक था.

इमरजेंसी के दौरान धीरेंद्र ब्रह्मचारी इंदिरा के खास सलाहकार रहे

आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी ने जिन दो पुरुषों पर विश्वास किया था और उनकी सलाह मानी थी, वे थे संजय गांधी और धीरेंद्र ब्रह्मचारी. कहा जाता है कि धीरेंद्र ब्रह्मचारी का राजनीतिक प्रभाव इतना अधिक था कि वे मंत्रियों के विभागों में फेरबदल तक करवा सकते थे. पूर्व प्रधानमंत्री इंदर कुमार गुजराल ने अपनी आत्मकथा Matters of Discretion में उल्लेख किया है कि धीरेंद्र ब्रह्मचारी ने उन्हें धमकी दी थी कि यदि उनकी बात नहीं मानी गई, तो उन्हें पद से हटा दिया जाएगा.

धीरेंद्र ब्रह्मचारी को सस्ते में दी गई भूमि

1967 में जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनीं, धीरेंद्र ब्रह्मचारी को नई दिल्ली के एक प्रमुख शॉपिंग सेंटर के पास 1.8 एकड़ भूमि आवंटित की गई थी. उस भूमि की कीमत उस वक्त ₹1,000 प्रति वर्ग गज थी, लेकिन उन्हें यह कुल ₹1.17 लाख में दी गई. इसके अतिरिक्त उन्हें डिफेंस कॉलोनी में किराए के मकान के लिए चुकाए गए 29,000 रुपए भी वापस दे दिए गए थे. कहा जाता है कि इंदिरा गांधी ने उन्हें जम्मू-कश्मीर के मंतलाई क्षेत्र में 1002 कनाल (लगभग 125 एकड़) भूमि उपहार स्वरूप दी. यह भूमि चिनैनी के पास स्थित थी, जहां धीरेंद्र ब्रह्मचारी ने एक भव्य आश्रम का निर्माण करवाया था, जिसमें निजी हवाई पट्टी, हैंगर, स्विमिंग पूल और अन्य सुविधाएं शामिल थीं.

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