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‘सीरियल किलर’ चार्ल्स शोभराज जिसकी दीवानी थी 16 से 50 साल तक की औरतें, ऐसा था उसका मायाजाल

Charles Sobhraj : सिर पर स्टाइलिश टोपी, आंखों पर काला चश्मा. कपड़े बहुत ही स्टाइलिश- ट्रेंडी और बोलने का अंदाज इतना आकर्षक और अपनेपन से भरपूर कि कोई भी दीवाना हो जाए. यह पहचान थी 70 के दशक के सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज की. चार्ल्स शोभराज के व्यक्तित्व की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वह किसी भी उम्र की महिला को अपना दीवाना बना लेता था. हत्या को सफाई का नाम देने वाला यह सीरियल किलर पहले अपने शिकार को फांसता था, उसकी इतनी मदद करता था कि शिकार मानसिक रूप से उसके कब्जे में आ जाता था और उसके बाद यह उसकी हत्या कर देता था. कई लड़कियों को इसने जहर देकर, तो कभी गाड़ी से ही पेट्रोल निकालकर जलाकर मार देता था. ‘द सर्प’ और ‘बिकनी किलर’ जैसे नाम इसके व्यक्तित्व को बताते हैं. यह अपराधी अपनी पहचान इतनी जल्दी बदलता था कि पुलिस परेशान रहती थी. 81 साल का हो चुका यह अपराधी अभी जीवित है और नेपाल की सुप्रीम कोर्ट की दया पर जेल से छूटकर फ्रांस में ही रह रहा है.

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Charles Sobhraj : ‘His charm was his weapon, his mind was his tool, and his victims were mere pawns in his game.’ अंग्रेजी की इस पंक्ति का अर्थ है-‘उसका आकर्षण उसकी सबसे बड़ी ताकत था, उसका दिमाग उसका औजार था और उसके शिकार सिर्फ उसके खेल में मोहरे थे.’ एक शख्सियत जो इतना जेंटल, आकर्षक और अपना सा था कि लोग उसके मायाजाल में फंस जाते थे. अपने मायाजाल में फंसाने के बाद यह शातिर माइंड गेमर अपने शिकार को कठपुतली की तरह इस्तेमाल करता था. अगर आप अबतक नहीं समझ पाए हैं, तो मैं बताती हूं आपको इस खूंखार, लेकिन बहुत ही जेंटल अपराधी का नाम था चार्ल्स शोभराज. चार्ल्स शोभराज एक ऐसा शातिर अपराधी, जिसने कितने अपराध किए और कितनों की हत्या की इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन बताया जाता है कि 32 लोगों की हत्या उसने की थी, उसके नाम ठगी और चोरी के इतने अपराध दर्ज थे कि उनकी संख्या बता पाना मुश्किल है, बावजूद इसके उस व्यक्ति के आकर्षण में 16 साल की लड़की से लेकर 50 साल की महिला तक गिरफ्तार हो जाती थी. इसके जीवन पर एक वेबसीरीज बनी है The Serpent जो बहुत चर्चित है और उसके जीवन का सच सामने लाती है.

कौन था चार्ल्स शोभराज और क्या है इस इंटरनेशनल अपराधी का भारत कनेक्शन?

चार्ल्स शोभराज एक इंटरनेशनल अपराधी था. उसके बारे में यह कहना भी बड़ा मुश्किल था कि वह किस देश का नागरिक है. हां उसके निजी जीवन के बारे में यह बताया जाता है कि उसके पिता एक भारतीय मूल के व्यक्ति थे और मां एक वियतनामी महिला थी. चार्ल्स शोभराज का जन्म छह अप्रैल 1944 को वियतनाम के एक शहर में हुआ था. उस वक्त उसका नाम रखा गया था -होतचंद भवनानी गुरुमुख शोभराज. चार्ल्स शोभराज के पिता एक सिंधी हिंदुस्तानी थे, उन्होंने चार्ल्स शोभराज की मां से कभी शादी नहीं की थी, वे दोनों लिव इन रिलेशन में रहते थे. चार्ल्स के जन्म के बाद उसके पिता ने उसके पालन-पोषण से भी इनकार कर दिया था, जिसके बाद उसकी मां ने एक फ्रांसीसी सैनिक से शादी कर ली और उनके साथ चली गई. इसी वजह से चार्ल्स शोभराज को फ्रांसीसी किलर कहा जाता है. चार्ल्स की अपने सौतेले पिता से जरा भी नहीं बनती थी और चार्ल्स उस परिवार में खुद को उपेक्षित महसूस करता था. यही वजह था कि वह हमेशा बाहर ही रहा और छोटे-मोटे अपराध में शामिल रहने लगा. वह कई बार जेल में गया था.

चार्ल्स शोभराज ने भारत को बनाया अपना टारगेट कंट्री

Charles Sobhraj
चार्ल्स शोभराज

चार्ल्स शोभराजा ने भारत को अपनी कर्मभूमि के रूप में चुना था. वह पश्चिम के टूरिस्टों को अपना शिकार ज्यादा बनाता था, इसलिए उसने भारत को अपनी कर्मभूमि के रूप में चुना था. भारत आने वाले पर्यटकों को धोखा देना, उनके साथ ठगी करना और उनके पासपोर्ट का इस्तेमाल अपने लिए करना उसका माइंड गेम का हिस्सा था. वह अपनी पहचान इतनी तेजी से बदलता था कि उसे  ‘द सर्प’ कहा जाता था, जो सांप की तरह केंचुली बदलता था. उसने भारत में कभी हीरा व्यापारी का रूम लिया तो कभी बहुत ही सभ्य और जेंटल व्यक्ति बनकर लोगों की मदद करता था. वह कई देशों के पासपोर्ट इस्तेमाल करता था और उसके पास की देशों का वीजा भी था. यह सबकुछ वह कर पाता था अपने शातिर दिमाग की वजह से. चार्ल्स शोभराज के जीवन पर कई किताबें लिखीं गई है और वेबसीरीज भी बनाया गया है. Serpentine: The Life and Crimes of Charles Sobhraj की लेखिका जूलिया क्लार्क ने  लिखा है कि चार्ल्स इतना आकर्षक था… हम जानते थे कि उसने क्या किया है, लेकिन फिर भी हम चाहते थे कि वह हमें पसंद करे. ​Serpentineकिताब में लिखा गया है कि चार्ल्स बहुत ही शांत और सतर्क रहता था. वह चीखने-चिल्लाने वाला व्यक्ति नहीं था, वह धीमा आवाज में बात करता और उसकी चाल में फंसकर इंसान बहुत ही आसानी से उसका शिकार बन जाता था. किताब में बताया गया है कि उसकी चालें किसी सर्जन की चाकू की तरह थीं, जो बिना शोर के काटती थीं.  उसकी मुस्कान बहुत रहस्मयी थी, जैसे वह अभी जो कर रहा है उसकी आगे की योजना बना रहा हो. हत्या करने के बाद भी वह आक्रामक नहीं होता था, बिलकुल शांत और संयमित रहता था.

चार्ल्स शोभराज की दीवानी थी महिलाएं 

चार्ल्स शोभराज एक  ऐसा व्यक्ति था, जिसने महिलाओं को अपना शिकार बनाया. अपने आकर्षक व्यक्तित्व और बोल-चाल की शैली की वजह से वह महिलाओं को अपने शिकंजे में ले लेता था और फिर उनसे एक गुलाम की तरह काम करवाता था, जब उसकी मंशा पूरी हो जाती थी वो उन लड़कियों की हत्या कर देता था. लेकिन बहुत ही चालाकी और धैर्य के साथ. यही वजह है कि उसपर अपराध सिद्ध नहीं होते थे. चार्ल्स शोभराज की एक महिला मित्र आंद्रे लेक्लेर का जिक्र किताब में किया गया है, जिसने अपनी डायरी में लिखा है- मैंने उसे मुझसे प्यार करने के लिए हर संभव प्रयास करने की कसम खाई, लेकिन धीरे-धीरे मैं उसकी गुलाम बन गई. वह महिलाओं को शारीरिक रूप से नहीं बल्कि मानसिक रूप से अपने कब्जे में करता था और उसके बाद महिलाएं उसके लिए कुछ भी करने को तैयार रहती थीं. बीबीसी की एक रिपोर्ट में मुंबई के एक पुलिस अधिकारी ने बताया है कि भारत में उसे सबसे पहले मुंबई में 1971 में अरेस्ट किया गया था, जब उसने रिवाल्वर बेचा था. उन्होंने यह भी बताया है कि चार्ल्स शोभराज ने 25-30 महिलाओं की हत्या की थी. उसी रिपोर्ट में पूर्व आईपीएस अधिकारी आमोद कंठ ने बताया कि चार्ल्स शोभराज एक नामाकूल शख्सियत था. उसे अपने किए पर कोई शर्म नहीं था, अपराधियों की सूची में वह सिंगल आउट (भीड़ में अलग पहचान बनाने वाला) इसलिए होता है क्योंकि वह गिरा हुआ इंसान था. वह सबको बहलाना चाहता था और मैंने उसे यह मौका नहीं दिया. 25-30 महिलाओं की हत्या करने की वजह से ही चार्ल्स शोभराज को बिकनी किलर भी कहा जाता है. वह जब फ्रांस की जेल में था, तो उसने अनुमति लेकर फ्रांसीसी मनोवैज्ञानिक की किताबें पढ़ीं थीं और मनोविज्ञान की गहरी समझ रखने की वजह से ही वह अपने शिकार के दिमाग पर कब्जा कर लेता था. जब शोभराज नेपाल में जेल में था तो उसकी मुलाकात निहिता विश्वास नाम की एक 21 साल की लड़की से हुआ था और उसने 64 साल के चार्ल्स शोभराज से शादी कर ली थी.

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