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Cyber Crime Patna : कॉलेज की फीस के लिए पहली बार की ठगी, फिर लग गयी आदत और बनाया गिरोह

पुलिस जेल भेजे गये शातिर नालंदा के रंजन उर्फ अंकित और औरंगाबाद के आनंद मुरारी की कुंडली खंगाल रही है. जांच में यह बात आयी कि रंजन ने नोएडा के पॉश इलाके में 50 वर्ग गज जमीन बुक करायी है. रंजन का नोएडा में अपना फ्लैट भी है, जहां वह परिवार के साथ रहता है.

पटना. इफको की फर्जी वेबसाइट, विज्ञापन और सोशल मीडिया के जरिये खाद्य-कीटनाशक की फ्रेंचाइजी और डीलरशिप देने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह ने ठगी के पैसे को जमीन में निवेश किया है. पत्रकार नगर थाने की पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. सोमवार को पुलिस ने बैंक से शातिरों के संबंधित खातों का डिटेल और जब्त डेबिट कार्ड के बारे में जानकारी मांगी. पुलिस मुख्यालय और आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने भी मामले को संज्ञान में लिया है और पत्रकार नगर पुलिस से पूरी कार्रवाई की जानकारी मांगी है.

कॉलेज की फीस के लिए पहली बार की ठगी

पुलिस को शातिरों के बैग से नालंदा के एक निजी नर्सिंग कॉलेज की सलोनी नाम की लड़की का आइकार्ड मिला है. औरंगाबाद का आनंद मध्यप्रदेश के एक निजी संस्थान से नर्सिंग कर रहा है. आनंद ने पुलिस को बताया कि कॉलेज की फीस देने के लिए ठगी की थी, लेकिन जब कई लोग बहुत ही आसानी से फंस गये और काफी पैसे आ गये, तो इसे धंधा बना लिया. इसके बाद दिल्ली और नोएडा के छात्रों के साथ गिरोह तैयार किया. वहीं, नालंदा के रंजन ने कहा कि उसके पिता नोएडा में ही आइसक्रीम बेचते हैं. मिली जानकारी के अनुसार आनंद और रंजन मामा-भांजा हैं. एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा कि गिरोह के अन्य शातिरों के बारे में पता लगाया जा रहा है. पत्रकार नगर के थानेदार मनोरंजन भारती, सिपाही शितांशु शेखर और सोनू कुमार को सम्मानित किया जायेगा.

नोएडा के पॉश इलाके में रंजन ने 50 वर्ग गज जमीन बुक करायी

पुलिस जेल भेजे गये शातिर नालंदा के रंजन उर्फ अंकित और औरंगाबाद के आनंद मुरारी की कुंडली खंगाल रही है. जांच में यह बात आयी कि रंजन ने नोएडा के पॉश इलाके में 50 वर्ग गज जमीन बुक करायी है. रंजन का नोएडा में अपना फ्लैट भी है, जहां वह परिवार के साथ रहता है. रंजन के लैपटॉप से पुलिस को नोएडा और गाजियाबाद के प्रॉपर्टी डीलर का नंबर भी मिला है. प्रॉपर्टी डीलर से पुलिस ने पूछताछ की है. जांच में पता चला कि रंजन, सरगना जितेंद्र और निखिल ने नोएडा, गाजियाबाद और आसपास के इलाके में जमीन खरीदा है.

साइबर फ्रॉड का शिकार हुए शख्स का बयान लेने जा सकती है पुलिस

थानाध्यक्ष मनोरंजन भारती ने बताया कि 20 से अधिक पीड़ितों से फोन पर संपर्क किया गया है. उन सभी के नाम का जिक्र पुलिस अपनी जांच में करेगी. मिली जानकारी पुलिस को रंजन और आनंद के पास से बरामद लैपटॉप से हजारों पन्नों का डॉक्यूमेंट मिला है. दोनों के बैग से भी सैकड़ों कागजात जब्त किये गये हैं, जिसमें दर्जनों पन्ने बैंक ट्रांजक्शन के हैं और विभिन्न राज्यों के लोगों का नाम और नंबर है. पुलिस अब तक गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान, बंगाल, हरियाणा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु सहित कई अन्य राज्यों के 20 पीड़ितों से संपर्क कर चुकी है.

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बैंक में कैसे खुल गया इफको के नाम पर खाता

कोटक महिंद्रा, एचडीएफसी और उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक में शातिरों ने सबसे अधिक ट्रांजक्शन किया है. शातिरों ने इंडियन फार्मस फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड नाम से बैंकों में खाता खुलवा रखा था. इसी खाता के नाम से ही लोग ठगों के झांसे में आ जाते थे. सबसे अधिक पैसा निखिल के एचडीएफसी के खाते में ट्रांसफर हुआ है. पुलिस निखिल के बारे में पता लगा रही है. शातिरों के मोबाइल के पेटीएम, गुगल-पे की जांच पुलिस की, जांच में यह आया कि इन लोगों ने हर दिन 5 से 10 लाख की ठगी की है. इफको बाजार के नाम से बनाये गये ई-मेल आइडी से लोगों को ई-मेल भेजता था.

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