10.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

ट्रंप के लिए झटका है ममदानी की जीत

Zohran Mamdani : ममदानी और ट्रंप, दोनों ने इस चुनाव को अमेरिका में जारी जीवन-यापन संकट पर केंद्रित किया था. महंगाई, आवास संकट, किराये की मार और आर्थिक असुरक्षा ने अमेरिकी राजनीतिक सोच को बदल दिया है.

Zohran Mamdani : न्यूयॉर्क सिटी के नये मेयर के रूप में जोहरान ममदानी का उदय केवल एक चुनावी परिणाम नहीं है, बल्कि यह अमेरिकी राजनीति में हो रहे व्यापक बदलावों का संकेत भी है. ममदानी की जीत कई मायनों में ऐतिहासिक है-वह शहर के सौ वर्षों में सबसे युवा मेयर बने हैं, पहली बार किसी मुस्लिम, भारतीय मूल के और दक्षिण एशियाई व्यक्ति ने अमेरिका के सबसे महत्वपूर्ण नगर का नेतृत्व संभाला है. पर इन प्रतीकों से कहीं अधिक, ममदानी की जीत दर्शाती है कि अमेरिकी जनता डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों और नेतृत्व शैली से असंतुष्ट होती जा रही है. वर्ष 2026 के मिड-टर्म चुनाव से पहले यह चेतावनी रिपब्लिकन पार्टी के लिए और भी गंभीर है.


ममदानी और ट्रंप, दोनों ने इस चुनाव को अमेरिका में जारी जीवन-यापन संकट पर केंद्रित किया था. महंगाई, आवास संकट, किराये की मार और आर्थिक असुरक्षा ने अमेरिकी राजनीतिक सोच को बदल दिया है. ट्रंप का दावा है कि उनकी टैरिफ नीति और बाहरी प्रतिस्पर्धा पर कड़ी कार्रवाई ही अमेरिकी परिवारों की आर्थिक परेशानी दूर कर सकती है. जबकि ममदानी का तर्क है कि असली समस्या असमानता, कॉरपोरेट दबदबे और ऐसी शासन प्रणाली में छिपी है, जो आम लोगों के बजाय अमीरों और कंपनियों को प्राथमिकता देती है.

समाधान के रूप में उन्होंने समाजवादी प्रकृति वाली योजनाएं रखीं-किराया फ्रीज हो, शहर द्वारा संचालित किराना स्टोर हों, मुफ्त बस सेवा और सार्वभौमिक बाल-देखभाल हों, और अमीरों व कंपनियों पर अधिक कर लगाये जायें. इन योजनाओं की सफलता समय बतायेगी, पर यह निर्विवाद है कि ममदानी के विचारों ने युवाओं, मजदूर वर्ग, किरायेदारों और प्रवासी समुदायों में अभूतपूर्व ऊर्जा जगायी. ममदानी की जीत ने ट्रंप के राजनीतिक प्रभाव पर भी सवाल खड़ा कर दिया है. न्यूयॉर्क समेत न्यू जर्सी, वर्जीनिया, कैलिफोर्निया के चुनावों में ट्रंप समर्थित कई उम्मीदवारों की हार इस बात का संकेत है कि मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग ट्रंप से दूरी बनाने लगा है.

एग्जिट पोल्स ने यह भी दिखाया कि कई मतदाताओं ने सिर्फ ट्रंप का विरोध करने के लिए किसी भी उम्मीदवार को वोट नहीं दिया. आर्थिक असुरक्षा, महंगाई और ट्रंप की टकराववादी राजनीति मिलकर एक ऐसा माहौल बना रहे हैं, जिसमें उनका प्रभाव धीरे-धीरे सीमित होता दिख रहा है. रिपब्लिकन रणनीतिकार भी स्वीकारने लगे हैं कि अगर पार्टी ने आर्थिक चिंताओं, महंगाई और सामाजिक विभाजन को गंभीरता से नहीं लिया, तो 2026 के चुनाव उनके लिए चुनौतीपूर्ण साबित होंगे. ममदानी की जीत अमेरिकी शहरी राजनीति में हो रहे सांस्कृतिक और सामाजिक बदलाव की ओर भी इशारा करती है.

उनकी चुनावी रणनीति बिल्कुल अलग थी—डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सक्रियता, टिकटॉक और इंस्टाग्राम के माध्यम से युवा मतदाताओं से संवाद, बहुभाषी संदेश तथा हास्य व रचनात्मकता के माध्यम से जनसमर्थन बनाना. उन्होंने खुले तौर पर अपनी शिया मुस्लिम पहचान, दक्षिण एशियाई जड़ें और अपने परिवार की बहुधार्मिक परंपरा को स्वीकार किया. उन्होंने न केवल इस्लामोफोबिया पर खुलकर बात की, बल्कि यह भी बताया कि 9/11 के बाद मुस्लिम समुदाय के साथ हुए भेदभाव ने उनके दृष्टिकोण को कैसे आकार दिया.
हालांकि, ममदानी की जीत ने न्यूयॉर्क को पूरी तरह एकजुट नहीं किया है. कई सर्वेक्षणों में बताया गया कि करीब नौ फीसदी न्यूयॉर्कवासी शहर छोड़ने पर विचार कर रहे हैं, जबकि 25 फीसदी लोग इस बारे में ‘विचार कर सकते हैं’.

अमीर न्यूयॉर्कवासी सबसे अधिक चिंतित हैं, जिन्हें डर है कि उनकी टैक्स देनदारी और बढ़ जायेगी. पुलिस विभाग में भी कुछ अधिकारी इस्तीफा दे रहे हैं, जबकि व्यावसायिक समुदाय को चिंता है कि ममदानी की प्रगतिशील नीतियां प्रशासनिक बोझ बढ़ायेंगी. इस डर और असंतोष का उपयोग ट्रंप और उनके समर्थक राजनीतिक हथियार के रूप में कर रहे हैं. उन्होंने ममदानी को ‘कम्युनिस्ट’ करार दिया और धमकी दी कि यदि न्यूयॉर्क प्रशासन उनके साथ ‘अच्छे संबंध’ नहीं रखता, तो वह शहर की संघीय फंडिंग रोक सकते हैं. इससे राजनीतिक ध्रुवीकरण और गहरायेगा.

ममदानी द्वारा एक ऑल वुमैन ट्रांजिशन टीम की घोषणा ने भी-जिसमें पाकिस्तानी मूल की प्रगतिशील विधिवेत्ता लीना खान शामिल हैं—दक्षिणपंथी हलकों में आक्रोश पैदा किया है. इस भारत-पाक मुस्लिम नेतृत्व की प्रतीकात्मक साझेदारी को ‘मागा’ यानी ट्रंप के नेतृत्व वाली ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ लॉबी ने ‘संस्कृति पर कब्जा’ बताया और इसे लेकर नस्लवादी और इस्लामोफोबिक प्रतिक्रियाएं सामने आयीं. पर ये प्रतिक्रियाएं यह भी दर्शाती हैं कि अमेरिकी समाज में विविधता और समावेशन के प्रश्न किस तरह राजनीति का केंद्र बनते जा रहे हैं. फिर भी, यह कहना गलत होगा कि ममदानी की जीत केवल पहचान-आधारित राजनीति का परिणाम है.

यह जीत उन समुदायों की आवाज है, जिन्हें लंबे समय से राजनीतिक रूप से हाशिये पर रखा गया था—किरायेदार, प्रवासी, युवा, मजदूर और वे लोग, जिनके लिए न्यूयॉर्क दिन-प्रतिदिन महंगा और अस्थिर होता जा रहा है. ममदानी के विजय-संदेश में नेहरू के ‘ट्रिस्ट विथ डेस्टिनी’ के उद्धरण का उपयोग केवल एक साहित्यिक संकेत नहीं था, बल्कि उस आकांक्षा का भी प्रतीक था कि शहर ‘पुराने से नये’ की ओर बढ़ सकता है. लाखों न्यूयॉर्कवासियों के लिए ममदानी परिवर्तन का वाहक बनकर उभरे हैं.


अब चुनौती शासन की है. न्यूयॉर्क जैसा विशाल शहर, 116 अरब डॉलर के बजट के साथ जटिल प्रशासनिक संरचना और अनेक सामाजिक-आर्थिक समस्याओं से जूझता है. ममदानी के वादों का वास्तविक परीक्षण अब शुरू होता है—क्या वह किराया नियंत्रण लागू कर पायेंगे, क्या उनकी नीतियों से व्यापारिक समुदाय नाराज होकर शहर नहीं छोड़ेगा, और क्या वह पुलिसिंग, बेघरपन, और बढ़ती असमानता जैसी गंभीर समस्याओं से निपट पायेंगे? ममदानी समर्थक कहते हैं कि मौजूदा ढांचा पहले ही विफल हो चुका है, इसलिए नये प्रयोगों की आवश्यकता है. जबकि उनके आलोचक मानते हैं कि उनकी नीतियां आर्थिक रूप से अव्यावहारिक हैं. फिलहाल इतना स्पष्ट है कि अमेरिकी राजनीति एक निर्णायक मोड़ पर खड़ी है. ममदानी की जीत ने यह संदेश दिया है कि जनता नारों या टकराव की राजनीति से ऊपर उठकर बदलाव चाहती है. न्यूयॉर्क भले आज विभाजित हो, लेकिन इस जीत ने यह साबित कर दिया है कि एक नयी राजनीतिक संवेदना जन्म ले रही है, जो विविधता, समानता और आर्थिक न्याय के विचारों को केंद्र में 
रखती है. (ये लेखक के निजी विचार हैं.)

आनंद कुमार
आनंद कुमार
डॉ. आनंद कुमार नई दिल्ली स्थित मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान (MP-IDSA) में एसोसिएट फेलो हैं। डॉ. कुमार अब तक चार पुस्तकें लिख चुके हैं और दो संपादित ग्रंथों का संपादन कर चुके हैं। उनकी नवीनतम पुस्तक Strategic Rebalancing: China and US Engagement with South Asia है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel