Amrit Bharat Station : प्रधानमंत्री मोदी ने अमृत भारत रेलवे स्टेशन योजना के तहत पुनर्विकसित किये गये 103 रेलवे स्टेशनों का वर्चुअल उद्घाटन कर भारतीय रेल में विकास, परंपरा और सुविधाओं की एक नयी पटकथा लिखी. ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद प्रधानमंत्री द्वारा सीमांत राज्य राजस्थान को विकास की कई बड़ी सौगातें देने तथा बीकानेर के पास पाकिस्तान सीमा से सटे देशनोक रेलवे स्टेशन से इस मेगा परियोजना की शुरुआत करने का महत्व भी रणनीतिक था. इस योजना के तहत राजस्थान के जिन आठ रेलवे स्टेशनों को पुनर्विकसित किया गया है, उनमें देशनोक रेलवे स्टेशन भी है.
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत, जिसकी शुरुआत 2021 में गांधीनगर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास से हुई थी, देश के 1,300 से अधिक स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं के साथ फिर से विकसित किया जा रहा है. इन रेलवे स्टेशनों में बेहतर वेटिंग एरिया, हाइटेक टिकट काउंटर, कैफेटेरिया, एस्केलेटर, लिफ्ट, डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड, साफ शौचालय, बेहतर रोशनी और सुरक्षा व्यवस्था जैसी सुविधाएं हैं. इनमें से 103 स्टेशनों को आधुनिक स्वरूप में राष्ट्र को समर्पित किया गया है. कुल 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 86 जिलों में फैले इन रेलवे स्टेशनों को 1,100 करोड़ से अधिक की लागत से विकसित किया गया है. हर स्टेशन को उसकी क्षेत्रीय वास्तुकला, संस्कृति और परंपरा के अनुरूप डिजाइन किया गया है.
विकास कार्य का उद्देश्य आधुनिकता को बढ़ावा देना तथा यात्रियों को बेहतर, सुरक्षित और सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध यात्रा का अनुभव कराना है. इनमें दिव्यांगजनों के लिए सुगमता का भी ध्यान रखा गया है. इसमें स्टेशन के दोनों तरफ के क्षेत्रों के बेहतर विकास और रेलवे स्टेशन को बस और मेट्रो सुविधाओं से जोड़ने का भी लक्ष्य रखा गया है. इनमें उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक उन्नीस रेलवे स्टेशन हैं, तो झारखंड के तीन रेलवे स्टेशन- गोविंदपुर रोड, राजमहल और शंकरपुर हॉल्ट और पश्चिम बंगाल के तीन रेलवे स्टेशन-पानागढ़, कल्याणी घोषपाड़ा और जॉयचंडी पहाड़ हैं.
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत झारखंड के कुल 57 रेलवे स्टेशनों को आधुनिक रूप दिया जा रहा है. इसी तरह बिहार के दो रेलवे स्टेशनों-गोपालगंज के थावे जंक्शन और भागलपुर के पीरपैंती रेलवे स्टेशन को अमृत भारत योजना के तहत पुनर्विकसित किया गया है. सिर्फ यही नहीं कि अमृत भारत योजना के तहत विकसित किये गये रेलवे स्टेशन यात्रियों के लिए बेहद सुविधाजनक साबित होने वाले हैं, बल्कि ये विकसित भारत के लक्ष्य का दिशा में भी बड़ा कदम हैं.