New Airlines: सरकार द्वारा इंडिगो एयरलाइंस संकट के लगभग तीन सप्ताह बाद तीन नयी एयरलाइंस, शंख एयर, अल हिंद एयर और फ्लाई एक्सप्रेस को मंजूरी दिये जाने का फैसला स्वागतयोग्य है. जल्दी ही इनका संचालन शुरू होने की उम्मीद है. गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस इंडिगो भारी शेड्यूलिंग संकट में फंस गयी थी, जिससे हजारों उड़ानें रद्द हो गयी थीं. इस कारण बड़ी संख्या में यात्री जहां-तहां फंस गये थे और देश के प्रमुख हवाई अड्डों पर भारी अफरा-तफरी पैदा हो गयी थी. चूंकि घरेलू बाजार में इंडिगो की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत से भी अधिक है, इसलिए इसका हवाई यात्राओं पर बहुत अधिक असर दिखा और सरकार की उड़ान नीति सवालों के घेरे में आ गयी.
तब यह कहा गया था कि चूंकि घरेलू उड़ान बाजार में इंडिगो का एकाधिकार है, इस कारण से यह संकट पैदा हुआ, ऐसे में, सरकार को और भी कंपनियों को मौका देना चाहिए. इसी के तहत नागरिक उड्डयन मंत्री ने तीन एयरलाइंस कंपनियों के लिए एनओसी जारी करने की जानकारी सोशल मीडिया पर दी है. इनमें से शंख एयर जल्दी ही उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी फुल सर्विस एयरलाइंस बनेगी और इसका ऑपरेशन नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से शुरू होगा. यह एयरलाइंस उत्तर प्रदेश और इसके बाहर के प्रमुख शहरों को जोड़ेगी. अल हिंद एयर का प्रमोटर केरल का अल हिंद समूह है.
यह घरेलू उड़ानों से शुरुआत करेगी और बाद में अपना अंतरराष्ट्रीय विस्तार करेगी. इसका हब कोच्चि होगा, जबकि घरेलू और क्षेत्रीय रूटों पर विमानन सेवा शुरू करने वाली फ्लाइ एक्सप्रेस एयरलाइंस घरेलू एयर कार्गो की बढ़ती मांग के बीच पैसेंजर उड़ानों के साथ बेहतर विकल्प के रूप में सामने आ सकती है. नागरिक उड्डयन मंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि केंद्र सरकार की नीतियों के कारण भारतीय विमानन क्षेत्र दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते विमानन बाजारों में से एक है और मंत्रालय का प्रयास रहा है कि देश के विमानन क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा एयरलाइंस को बढ़ावा दिया जाए.
उड़ान (यूडीएएन) जैसी योजनाओं ने पहले ही छोटे कैरियर को देश के अंदर क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण भूमिका बनाने में सक्षम किया है. माना जा रहा है कि तीन नयी एयरलाइंस के शुरू होने से यात्रियों को ज्यादा विकल्प मिलेंगे और विमानन क्षेत्र के 90 प्रतिशत हिस्से पर काबिज इंडिगो एयरलाइंस, एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस को चुनौती मिलेगी. इससे विमानन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिसका लाभ यात्रियों को मिलेगा.

