देश के किसान बदहाल
इस कृषि प्रधान देश के किसान बदहाल हैं. कारण है केंद्र सरकार द्वारा उद्योगों को प्रथम पायदान पर और कृषि को दोयम दर्जा देना. सरकार के कदमों से परिलक्षित हो रहा है. किसान को खाद बीज के साथ अन्य कृषि उपकरण महंगे दामों में मिल रहे हैं. सिंचाई की सुविधा नदारद है. तमाम मुश्किल हालात […]
इस कृषि प्रधान देश के किसान बदहाल हैं. कारण है केंद्र सरकार द्वारा उद्योगों को प्रथम पायदान पर और कृषि को दोयम दर्जा देना. सरकार के कदमों से परिलक्षित हो रहा है. किसान को खाद बीज के साथ अन्य कृषि उपकरण महंगे दामों में मिल रहे हैं. सिंचाई की सुविधा नदारद है.
तमाम मुश्किल हालात के बावजूद किसान लोन लेकर कार्य कर रहे हैं, पर सरकारी उदासीनता के कारण किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं. अधिकांश राज्यों और देश में भाजपा की सरकार है, पर वादा करके मुकर जाना शायद आदत बन गयी है.अब तो यह नारा सबका साथ सबका विकास एक नया नारा में तब्दील हो रहा है कि सबका वोट अपना विकास.
राजन राज, रांची
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