राज्य विधानसभा द्वारा पारित विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक में सरकार द्वारा पुनः कानूनी पेंच छोड़ दिया गया है. सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए निर्धारित योग्यता में नेट, जेट को मान्यता दी गयी है, किन्तु बेट या स्लेट को नहीं. यदि ऐसा है, तो विज्ञापन आने के बाद पुनः मामला अदालती हो जायेगा, क्योंकि यूजीसी ने इन्हें मान्यता दे रखी है.
इसके अतिरिक्त यदि झारखंड सरकार एकीकृत बिहार के माध्यमिक से लेकर स्नातकोत्तर तक की डिग्री को मान्यता देती है, तो फिर उसे बेट को भी स्वीकार करना होगा. ज्ञात हो कि अभी बिहार सरकार को भी व्याख्याता नियुक्ति में न्यायालय के निर्णय के बाद बेट को मान्यता देनी पड़ी.
संजीव सिन्हा, गिरिडीह