निर्भया कांड को हुए चार साल बीत जाने के बाद भी हमारी महिलाओं की सुरक्षा के लिये जो कदम उठाने के वायदे किये गये थे तथा जो घोषणाएं की गयी थी, वो सभी ठंडे बस्ते में डाल दी गयी है. और तो और, निर्भया फंड का भी पूरी तरह उपयोग नहीं किया जा रहा है.
इस विषय पर जिम्मेदार व्यक्तियों का क्या कहना है? ये उनकी उदासीनता और गैर-जिम्मेदारी नहीं तो और क्या है. इसके लिये जनता भी कम जिम्मेवार नहीं है, जो रोष और गुस्सा जनता का उस वक्त दिखा था, वह थोड़ा सा वक्त बीतने पर काफूर हो गया. जब आम जनता का यह आलम है, तो फिर हम प्रशासन को अकेले जिम्मेदार कैसे मान सकते हैं.
सीमा साही ,बोकारो