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प्रेरणास्रोत मुंजाल
भारतीय उद्योग जगत में शून्य से शिखर तक पहुंचनेवालों में हीरो समूह के संस्थापक बृजमोहन लाल मुंजाल का नाम प्रमुखता से लिया जायेगा. बिना किसी औद्योगिक प्रशिक्षण के हजारों करोड़ रुपये का कारोबार खड़ा कर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के पितामह कहलाये बीएम मुंजाल ने 92 वर्ष की आयु में दिल्ली के अस्पताल में अंतिम सांस ली. […]
भारतीय उद्योग जगत में शून्य से शिखर तक पहुंचनेवालों में हीरो समूह के संस्थापक बृजमोहन लाल मुंजाल का नाम प्रमुखता से लिया जायेगा. बिना किसी औद्योगिक प्रशिक्षण के हजारों करोड़ रुपये का कारोबार खड़ा कर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के पितामह कहलाये बीएम मुंजाल ने 92 वर्ष की आयु में दिल्ली के अस्पताल में अंतिम सांस ली. बीसवीं सदी में स्वतंत्र भारत के औद्योगिक विकास का इतिहास बीएम मुंजाल के बिना पूरा नहीं हो सकता.
वर्तमान पाकिस्तान में जन्मे बीएम मुंजाल ने 1944 में अमृतसर में साइकिल के कल-पुर्जे बनाने का काम शुरू किया. देश विभाजन के बाद 1954 में उन्होंने लुधियाना में साइकिल चेन के निर्माण के साथ एक नये सफर की शुरुआत की. दो साल बाद 1956 में पंजाब सरकार ने साइकिल निर्माण के लाइसेंस देने का टेंडर निकाला, जिसे बीएम मुंजाल ने अपने भाइयों के साथ हासिल किया.
चेयरमैन बीएम मुंजाल के दूरदर्शी नेतृत्व में शुरू हुई ‘हीरो साइकिल’ की यह यात्रा उस मुकाम तक पहुंची, जहां यह देश की धड़कन बन गयी और 1986 में दुनिया की सबसे ज्यादा साइकिल निर्माता कंपनी के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज हो गयी. विक्रेताओं के साथ बेहतर रिश्ता कायम किये बिना यह कामयाबी शायद ही संभव थी.
मुंजाल अपने ग्राहकों को हमेशा कुछ अलग और बेहतर देना चाहते थे. इसी उद्देश्य के साथ उन्होंने जर्मनी और जापान सहित कई देशों का दौरा किया. 1985 में उन्होंने जापान की कंपनी होंडा मोटर के साथ हीरो होंडा की नींव रखी. 1986 में इस साझा कंपनी की पहली मोटरसाइकिल बाजार में आते ही युुवाओं की पसंद बन गयी.
यह साझेदारी 2010-11 तक चली. उद्योग-व्यापार के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए 2005 में उन्हें पद्म भूषण प्रदान किया गया. देश के कई औद्योगिक संगठनों को भी उनका मार्गदर्शन प्राप्त हुआ. यह बीएम मुंजाल के कुशल नेतृत्व का एक और नमूना था कि हीरो समूह की बीस से ज्यादा कंपनियों का उनके चारों भाइयों के परिवारों में बंटवारा भी बिना किसी विवाद के संपन्न हुआ.
कुछ समय पहले फोर्ब्स ने उन्हें भारत के सबसे अमीर बुजुर्ग की सूची में पहले स्थान पर रखा था. जीवन एवं कारोबार की तमाम बाधाओं को कामयाबी की राह मेें अपना हमसफर बना लेनेवाले बीएम मुंजाल नयी पीढ़ी के उद्यमियों के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत बने रहेंगे. अस्पताल, स्कूल और अन्य सामाजिक कार्यों के लिए भी उन्हें लंबे समय तक याद किया जाता रहेगा.
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