शिक्षा हमसबों का मौलिक अधिकार है और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कराना सरकार की जिम्मेदारी है. वास्तविकता है कि आज अधिकतर सरकारी विद्यालयों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल रही है. शिक्षा व्यवस्था में सुधार के हर सतह पर निरंतर प्रयास की जरूरत है, लेकिन इसकी शुरुआत स्वयं जागरूक हो कर ही करनी होगी.
हमें संगठित होकर अपने हक के लिए संघर्ष करना ही होगा. सस्ती और सर्वसुलभ शिक्षा के लिए प्रबुद्धजनों, छात्र संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को चाहिए कि वे पहले आमजनों को जागृत करें. शिक्षा के अधिकार के तहत समाज के हर तबकों को बेहतर सुविधा मिलनी चाहिए. इसके लिए समाज के प्रबुद्ध लोगों को भी आगे आने की जरूरत है. जब समाज का हर तबका शिक्षित होगा, तभी बेहतर समाज व देश का निर्माण संभव है.
सफी अंजुम, रामपुर डेहरू (मधेपुरा)