2011 के बाद 2017 में बिहार विशेष प्रारंभिक शिक्षक पात्रता परीक्षा हुई. इसमें शामिल होनेवाले सभी युवा प्रशिक्षित हैं. खास बात यह है कि इस परीक्षा को उत्तीर्ण करनेवाले युवाओं की संख्या मात्र 45000 है, जबकि आरटीआइ से प्राप्त सूचना के अनुसार, बिहार के प्रारंभिक विद्यालयों में शिक्षकों की रिक्ति 203934 है. इतनी बड़ी मात्रा में रिक्ति होने के बावजूद बहाली नहीं हो रही है.
वहीं, सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, जिसका असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है. इसलिए सरकार को बच्चों के हित में स्कूलाें में शिक्षकों के खाली पदों पर बहाली करनी चाहिए. स्कूलों के भवन तो बन गये, लेकिन संसाधन की काफी कमी है. यहां शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई नहीं होती है.
रवि रंजन कुमार, सत्यमचा (सीतामढ़ी)