बिहार के चार लाख नियोजित शिक्षकों के समान काम समान वेतन मामले की सुनवाई पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में चली. लंबी सुनवाई के बाद फैसला तीन अक्तूबर को माननीय न्यायाधीश महोदय ने सुरक्षित रख लिया गया. लेकिन, छह माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी फैसला नहीं सुनाया गया.
इससे शिक्षकों में काफी निराशा है. आखिर इतना विलंब होने का कारण क्या है. मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद भी न्याय निर्णय में हो रही देरी से मन में शंका उठने लगती है. सर्वोच्च न्यायालय से प्रार्थना है कि चार लाख नियोजित शिक्षकों की भावनाओं का ख्याल कर जल्द अपना फैसला सुनाये.
सोनू कुमार सोनी, लौरिया (पश्चिमी चंपारण)