रांची के प्रसिद्ध पहाड़ी मंदिर पर भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है. विश्व के प्राचीनतम पत्थरों से बने इस पहाड़ी के पत्थर दरकने लगे हैं, जिसकी वजह से इसके ऊपर बने मंदिर खतरे में हैं.
90 के दशक के पहले पहाड़ी मंदिर में असामाजिक तत्वों का अड्डा था. बाद में पूर्व मुख्य सचिव सुधीर प्रसाद, जो रांची के तत्कालीन उपायुक्त थे, ने पहाड़ी मंदिर विकास समिति बनायी थी. मजिस्ट्रेट ओम प्रकाश वर्मा की देख-रेख में पहाड़ी मंदिर के मूल स्वरूप के विकसित की मुहिम चली थी.
तब शीघ्र पहाड़ी मंदिर से असामाजिक तत्वों का जमावड़ा हटने लगा था, परंतु जैसे-जैसे अफसर बदलते गये, तरह-तरह के प्रयोग होते गये और इसका प्रतिकूल प्रभाव मंदिर पर के अस्तित्व पर पड़ता गया. आज इस मंदिर के अस्तित्व को बचाने के लिए यहां अधिक से अधिक वृक्षारोपण और अनावश्यक भार को कम करने की जरूरत है. मंदिर को बचाने के लिए कैबिनेट में ऐसा कोई प्रस्ताव पास हो, जो इसके मूल स्वरूप को सुरक्षित रखते हुए इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करे.
मनोज खन्ना, संस्थापक सदस्य, पहाड़ी मंदिर विकास समिति